बैंकों में पड़े हैं 18 हज़ार 381 करोड़ रूपए, जमा करके भूल गए लोग, लेने वाला कोई नहीं
RBI- 31 मार्च 2019 तक बैंकों में करीब 18,381 करोड़ रूपए की राशि लावारिस पाई गई थी। बीमा कंपनियों, म्युचुअल फंड और पीएफ खातों में भी लावारिस धन

एक आंकलन के अनुसार बैंकों, बीमा कंपनियों, और भविष्य निधि खातों में निवेशकों के तकरीबन 82,025 करोड़ रूपए लावारिस पड़े हुए हैं। इसके अलावा इनमें म्यूचुअल फंड निवेश भी शामिल हैं। इन म्यूचुअल फंड के बारे में किसी को जानकारी नहीं हैं। इसके अलावा इन फंड्स का लाभांश भी कई सालों से भुनाया नहीं गया है। इसी के साथ ही इस रकम पर लगने वाले 6 परसेंट ब्याज के कारण निवेशकों को हर साल 4900 करोड़ रूपए का नुकसान हो रहा है इसके मुताबिक़ रोज़ाना तकरीबन 14 करोड़ रूपए का नुकसान निवेशकों को हो रहा है। बता दें कि अगर 10 से 20 सालों के अंदर इस धनराशि का कोई दावा नहीं किया जाता है तो इसे निवेशक शिक्षा कोष द्वारा ट्रांसफर कर दिया जाता है।
बैंकों में पड़े हैं 18,381 करोड़ रूपए
आरबीआई की रिपोर्ट्स के अनुसार 31 मार्च 2019 तक बैंक खातों में करीब 18,381 करोड़ रूपए की राशि लावारिस पाई गई थी। इसके अलावा इसमें से ज़्यादातर राशि 4.74 करोड़ निष्क्रिय बचत खातों में थी। गौरतलब है कि अगर 2 साल तक किसी खाते में कोई लेन-देन नहीं होता है, तो वह निष्क्रिय हो जाता है। इसके अलावा 4,820 करोड़ रुपये मैच्योर फिक्स्ड डिपॉज़िट और अन्य डिपॉज़िट्स में पड़े हैं। अगर यह धनराशि 10 साल तक ऐसे ही निष्क्रिय पड़ी रहती है तो इसे जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
बीमा कंपनियों के पास लावारिस पड़े हैं 15,167 करोड़ रु
इसी प्रकार बीमा कंपनियों के पास भी 15,167 करोड़ रु की राशि पड़ी हुई है। इस राशि पर दावा करने वाला कोई भी नहीं है। जानकारी के अनुसार इसमें से करीब 7,000 करोड़ से भी अधिक राशि एलआईसी के पास है। यदि 10 साल तक इस राशि पर कोई दावा नहीं करता है तो इसे सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में स्थानांतरित कर दिया जाता है। राहत की बात यह है कि बीमा नियामक IRDA ने सभी बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वह 1000 रु से अधिक क्लेम ना की गई राशि के बारे में जानकारी दे।
म्यूचुअल फंड में भी पड़े हैं 17,880 करोड़ रु लावारिस
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक़ करीब 17,880 करोड़ रुपये की राशि इनएक्टिव म्यूचुअल फंड फोलियो में लावारिस पड़ी है। जानकारी के अनुसार अगर 7 सालों तक इस राशि पर कोई दावा नहीं किया जाता है, तो इसे इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी को दे दिया जाएगा। बता दें कि इस कुल राशि में से 1100 करोड़ रु की राशि लाभांश और मोचन की है। हालांकि म्युचअल फंड्स को कभी निष्क्रिय नहीं किया जा सकता।
पीएफ खातों में हैं 26,497 करोड़
प्रोविडेंट फंड या पीएफ खातों में भी 24,496 करोड़ रु की राशि लावारिस पड़ी है। बता दें कि अगर आखिरी अंशदान के तीन सालों के अंदर भविष्य निधि की निकासी नहीं की जाती है तो खाते को निष्क्रिय कर दिया जाता है। इसके अलावा 2011 में बने नए नियमों के अनुसार निष्क्रिय हो चुके भविष्य निधि खाते पर कोई ब्याज नहीं मिलता। इसके अलावा अगर 7 साल तक कोई इस राशि का दावा नहीं करता है तो इसे EPFO द्वारा सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में पंहुचा दिया जाता है। हालांकि निवेशक या धनराशि के कानूनी उत्तराधिकारी 25 साल के अंदर सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में से इसका दावा कर सकते हैं। ध्यान रहे कि दावा करने के लिए उनके पास आवश्यक सबूत और डाक्यूमेंट्स होने अनिवार्य हैं।
जानें आप कैसे बच सकते हैं इस स्तिथि से
शेयर समाधान के सह-संस्थापक विकास जैन के अनुसार निवेशक अपने निवेश की जानकारी अपने परिवार वालों से साझा कर इस स्तिथि से बच सकते हैं। इसके अलावा नियामकों ने भी अब नियमों को निवेशकों के लिए थोड़ा सरल बना दिया है। नए नियमों के तहत सभी बीमा कंपनियों के लिए 1000 रु से अधिक की दावा ना की गई राशि को प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा सेबी ने भी म्यूचुअल फंड हाउसों को अपनी वेबसाइट पर दावा न किए गए निवेश के बारे में जानकारी देने के निर्देश भी दिए हैं।
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