
Demat Accounts in India: अगर आप भी डीमैट अकाउंट के द्वारा शेयर मार्केट में पैसे इंवेस्ट करते है तो ये खबर आपको खुश कर देगी. दरअसल पहली बार देश में डीमैट अकाउंट की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच गई.
इससे इस बात का पता कि शेयर मार्केट में पैसे लगाने वालों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि छोटी मोटी गिरावट को छोड़ दिया जाए तो आने वाले कुछ सालों में शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलने वाली है.
डिपॉजिटरी फर्म एनएसडीएल (NSDL) और सीडीएसएल (CDSL) के आंकड़ो के अनुसार ये जानकारी मिली है कि अगस्त के महीने में 22 लाख नए डीमैट अकाउंट खोले गए.
पिछले चार महीने के हिसाब से देखा जाए तो ये संख्या सबसे ज्यादा है. इसके साथ ही देश में डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 10.05 करोड़ हो गई है.
जानकारों के हिसाब से इसमें खुदरा निवेशकों का सबसे बड़ा योगदान रहा है और यही वजह है कि देश में खुदरा निवेशकों की संख्या में लगातार वृध्दि हो रही है.
बता दें कि 2020 तक देश में कुल 4.09 करोड़ डीमैट अकाउंट थे. महज 2 साल में ये संख्या 6 करोड़ तक बढ़ गई. यानि कि इस दौरान डीमैट अकाउंट की संख्या ढाई गुना बढ़ी है.
डीमैट अकाउंट क्या है ?
अब कई लोग ये सोच रहे होंगे कि आखिर ये डीमैट अकाउंट क्या होता है तो बताते चले कि जिन खातों में शेयर और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखा जाता है उसे ही डीमैट अकाउंट कहते है.
अगर आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग यानी सेंसेक्स व निफ्टी से शेयर खरीदने या बेचना चाहते है तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है. डीमैट अकाउंट के अलावा आप किसी भी तरह से शेयर को बेच या खरीद नही सकते.
डीमैट अकाउंट की संख्या बढ़ने का कारण ?
डीमैट अकाउंट की संख्या बढ़ने की सबसे बड़ी वजह कोरोना को माना जा रहा है, दरअसल लॉकडाउन के दौरान लोगों के पास काफी समय था लोग उस दौरान घर से ही काम किया करते थे.
ऐसे में डीमैट अकाउंट को घर पर आसानी से खोलने की सुविधा मिली साथ ही शेयर ने बंपर रिटर्न भी दिया. यही वजह थी जिसने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.
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