सरकार ने EPF में टैक्स छूट वाले निवेश की सीमा तय कर दी है। अगर इससे ज्यादा का निवेश किया जाता है तो उसके ब्याज पर टैक्स चुकाना पड़ेगा। आपको बता दें कि यह नया नियम 1 अप्रैल, 2022 से लागु हो जाएगा. इसके अलावा अगर कोई नौकरीपेशा व्यक्ति अपने ईपीएफ खाते में सालाना 2.5 लाख से ज्यादा निवेश करता है तो उसे अपनी अतिरिक्त राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा. यह टैक्स कर्मचारी के स्लैब के हिसाब से वसूल किया जाएगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते समय वर्चुअल और डिजिटल संपत्तियों पर भी टैक्स वसूलने की मांग की है। इसके अलावा बिटक्वॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी या NFT जैसी वर्चुअल संपत्तियों से कमाई करने वालों को भी अब टैक्स देना पड़ेगा। बता दें कि ऐसी किस भी संपत्ति के ट्रांसफर पर अब 1 फीसदी टीडीएस देना होगा और ऐसी संपत्तियों पर होने वाले घाटे को किसी भी तरह से समायोजित नहीं किया जा सकेंगे।
इसी के साथ सरकार ने करदाताओं को अपने आईटीआर में संशोधन करने के लिए बड़ी सुविधा भी दी है. इसके जरिये अब ITR भरने के दो साल तक उसमें अपडेट करने की सुविधा दी जाएगी। अभी तक रिटर्न भरने की ड्यू डेट से महज 5 महीने तक ही आपको अपने आईटीआर में संशोधन या अपडेट का मौका मिलता था लेकिन अब यह अवधि को बढ़ाकर साल कर दिया गया है लेकिन इसमें किसी घाटे या टैक्स की देनदारी को लेकर कोई दावा नहीं किया जा सकेगा।
बता दें कि अगर अपडेट करने में कोई अतिरिक्त आय निकलती है तो 12 महीने के भीतर अपडेट करने पर 25 फीसदी और इसके बाद अपडेट करने पर 50 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा।
सरकार ने जून, 2021 में एक रिलीज जारी कर जानकारी दी थी कि महामारी के दौरान कोरोना के इलाज पर बहुत खर्च हुआ है तो इस पर टैक्स पर छूट का दावा किया जा सकता है। इसी तरह अगर किसी की महामारी की वजह से मौत हुई है और उसके परिवार को क्षतिपूर्ति के तौर पर नियोक्ता या सरकार की ओर से कोई राशि प्रदान की गई है, तो इस पर भी टैक्स पर छूट का दावा किया जा सकता है यह राशि मौत के 12 महीने के भीतर मिलनी चाहिए और इसकी सीमा 10 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगी।
ये भी पढ़े: DELHI: तेज धूप ने लोगों की बढ़ाई परेशानी, जाने क्या रहेगा अगले दो दिन का हाल?