
जब से देश में नोटबंदी लागू की गई थी तबसे लोगों ने कैश को छोड़कर UPI Unified Payments Interface (यूपीआई) से पेमेंट करना शुरू कर दिया था धीरे-धीरे लोगों को यूपीआई से पेमेंट करने की आदत भी लग गई. लोगों को इसके कई फायदे नजर आए, जैसे न खुल्ले पैसों का झझंट और न ही साथ में कैश ले जाने की चिंता, अब तो आलम ये हो चुका है कि लोग कोई भी सामान खरीदते है तो पेमेंट के समय अपने फोन की तरफ देखते है.
लेकिन आपकी ये आदत आपको अब भारी पड़ सकती हैं, चलिए आपको पूरा मामला विस्तार से समझाते हैं. दरअसल कथित तौर पर National Payments Corporation of India (NPCI) एनपीसीआई ने यूपीआई पेमेंट को लेकर सर्कुलर जारी किया है. जिसमें 1 अप्रैल से यूपीआई से होने वाले मर्चेट पेमेंट पर पीपीआई (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट) चार्ज लगाने की सिफारिश की है. यहां ये ध्यान देना होगा कि अगर ये लागू हो जाता है तो आपको यूपीआई से ट्राजैंक्शन करने पर अतिरिक्त चार्ज लगेगा.
बता दें कि 24 मार्च को एनपीसीआई की ओर से ये सर्कुलर जारी किया गया था. इस सर्कुलर के अंतर्गत PPI फीस लगाने का सुझाव दिया गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई पेमेंट सिस्टम इस सुझाव के बाद 2000 रुपए से ज्यादा की ट्राजैंक्शन पर पीपीआई फीस यानी एक्सट्रा चार्ज लगाने की तैयारी कर रहा है.
अगर ये फैसला लागू हो जाता है तो 2000 रुपये से अधिक के लेनेदेन पर 1.1 प्रतिशत का चार्ज लगने की संभावना है. आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि यूपीआई से होने वाले जितनी भी ट्राजैंक्शन होती है उनमें से 70 फीसदी ट्राजैंक्शन ऐसी होती है जो कि 2 हजार रुपये से अधिक वैल्यू की होती है. अब ऐसे में लोगों को यूपीआई, फोनपे, गूगलपे, पेटीएम जैसे डिजिटल ट्राजैंक्शन के लिए एक्सट्रा चार्ज देना पड़ सकता है.
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