
कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म होने के बाद अब दिल्ली-एनसीआर की लाइफलाइन दिल्ली मेट्रो में पहले जैसे ही भीड़ होने लगी है। इससे व्यस्त वक्त में स्थिति यह होती है कि यात्रियों को मेट्रो में पैर रखने की भी जगह नहीं मिल पाती है। जिस कारन से कोरोना के बाद पहली बार मेट्रो में आए-दिन सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 50 लाख से ज्यादा पहुंच गई है। जिससे मेट्रो धीरे-धीरे घाटे से उबर रही है।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के अनुसार कोरोना से पहले वर्ष 2019 के अक्टूबर-नवंबर में मेट्रो में करीब 55 लाख यात्री यात्रा करते थे। मार्च 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर साढ़े पांच माह से अधिक समय तक मेट्रो का परिचालन बंद रहा था। बाद में परिचालन शुरू होने पर एक सीट छोड़कर मेट्रो में सफर की व्यवस्था की गई थी। लंबे समय तक मेट्रो की कोच में खड़े होकर यात्रियों के सफर करने पर भी स्वीकृति नहीं थी। इस वजह से मेट्रो में कोरोना से पहले की तुलना में 10 से 12 प्रतिशत यात्री ही सफर कर रहे थे। इससे मेट्रो को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ा था।
अक्टूबर में घटी थी यात्रियों की संख्या:
अब कोरोना से पहले के मुताबिक मेट्रो में करीब 91.50 प्रतिशत यात्री सफर करने लगे हैं। इस साल सितंबर माह में मेट्रो में रोज सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 47 लाख से ज्यादा पहुंच गई थी पर अक्टूबर में यात्रियों की संख्या थोड़ी कम हो गई थी, क्योंकि त्योहारों में बड़ी संख्या में लोग दिल्ली से बाहर चले जाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, इस माह नवंबर में मेट्रो में यात्रियों का दबाव बढ़ा है, इसलिए मेट्रो में यात्रियों की संख्या पहले के बराबर पहुंचने को है। अब पहले की तुलना में साढ़े आठ प्रतिशत यात्री ही कम सफर कर रहे हैं। आने वाले समय में यह अंतर और कम हो सकता है।
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