महंगाई से निपटने के लिए सरकार का बड़ा कदम, बढ़ती महंगाई के बीच सस्ती होगी गेहूं!
यदि आप गेहूं की बार-बार बढ़ रही कीमत से परेशान हैं तो यह खबर आपको लिए अच्छी है. जी हां, आने वाले वक्त में गेहूं की बढ़ती मेहंगाई से आम आदमी

यदि आप गेहूं की बार-बार बढ़ रही कीमत से परेशान हैं तो यह खबर आपको लिए अच्छी है. जी हां, आने वाले वक्त में गेहूं की बढ़ती मेहंगाई से आम आदमी को राहत मिलने वाली है. गेहूं के रिटेल दाम को कंट्रोल में लाने के लिए सरकार से 15-20 लाख टन गेहूं को निकालने का सोच रही है. एफसीआई गोदाम से निकाले जाने वाली गेहूं को ओपन मार्केट सेल्स स्कीम के चलते आटा मिलों आदि को बिक्री करने का प्लान है.
37.25 रुपये पर पहुंचा आटे का रेट:
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, 27 दिसंबर को गेहूं का खुदरा दाम 32.25 रुपये प्रति किलो था. बता दें, एक साल पहले 28.53 रुपये प्रति किलो से यह अधिक है. गेहूं के आटे का दाम एक साल पहले से बढ़कर 37.25 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है.
आपूर्ति को बढ़ावा देना मकसद:
OMSS के तहत सरकार की और से वक्त-वक्त पर थोक उपभोक्ताओं तथा प्राइवेट ट्रेडर्स को खुले बाजार में गेहूं और चावल की सेल के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) को मंजूरी दी जाती है. इसका मकसद मौसमी मांग के मुताबिक आपूर्ति को बढ़ाना देना और खुले बाजार में बढ़ रहे दाम को कम करना है.
15-20 लाख टन अनाज होगा जारी:
इस पॉलिसी में थोक ग्राहकों के लिए एफसीआई की और से 15-20 लाख टन अनाज जारी किए जाने की आशंका है. जानकारी के अनुसार, FCI की और से जारी की जाने वाली गेहूं की दर क्या होगी, और उसका दाम अभी तय नहीं किया गया है. एक अन्य सूत्र का यह भी दावा है कि सरकार के पास उचित गेहूं है, इस कारण OMSS के तहत गेहूं जारी किया जाएगा.
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