हाल ही में एक दिन पहले ही एक साथ पूरी 9 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर उसको रवाना किया गया है और इन वंदे भारत ट्रेनों को PM मोदी द्वारा रविवार को ही हरी झंडी दिखाई है। जिसके साथ ही देश में संचालित होने वाली वंदे भारत ट्रेनों की संख्या अब 25 से बढ़कर सीधा 34 हो गई और इस साल के अंत तक 9 और वंदे भारत ट्रेनों के पटरी पर दौड़ने की संभावना जतायी जा रही है। इसके साथ ही अब देश में वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़कर 43 होने वाली है और आगे आने वाली वंदे भारत ट्रेनें केसरिया रंग की होती दिखेगी।
बता दें की इस बारे में खुद रेलवे सूत्रों का कहना है कि आने वाले कुछ समय में वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ने वाली है जहां आने वाले सालों में यह संख्या बढ़कर सीधा 350 तक हो सकती है और एक अधिकारी द्वारा भी बताया गया कि 16 कोच की बजाय 8 कोच वाली वंदे भारत को अधिक कामयाबी मिलती नज़र आएगी।
साथ ही एक खबर रेलवे के अधिकारी द्वारा बताया गया कि अगले कुछ सालों में ही वंदे भारत को शताब्दी और राजधानी ट्रेनों की जगह ही पूरी तरीके से चलाया जाएगा। हालांकि, अभी तक इस पर किसी तरह का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है और फिलहाल शताब्दी की तरह वंदे भारत चेयरकार कई रूट पर ही चल रही है। साथ ही स्लीपर वंदे भारत के भी अगले साल जनवरी तक शुरू होने की उम्मीद भी जताई जा रही है और वंदे भारत स्लीपर देश की प्रीमियम राजधानी ट्रेन का भी विकल्प बनती दिख रही है।
वही आने वाले समय में धीरे-धीरे ही वंदे भारत आने के बाद शताब्दी और राजधानी को भी ट्रैक से पूरी तरह से हटा लिया जाए सकता है जहां यह सब सिस्टेमेटिक तरीके से होता दिखेगा। ट्रेनों की लाइफ यानी पुरानी ट्रेन को पहले बाकी को भी बाद में रिप्लेस किया पूरे तरीके से किया जाएगा। वंदे भारत स्लीपर के नाम पर भी इस बार विचार किया जा रहा है और प्रधानमंत्री द्वारा भी कहा गया था कि आने वाले समय में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के बेड़े में जबरदस्त इजाफा होता दिखेगा।
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