
आरबीआई की तरफ से 19 मई को 2000 रूपये की नोट वापसी का ऐलान किया गया था। जिसके चलते अब 23 मई से अलग-अलग बैंकों की ब्रांच में 2000 रूपये के नोट बदलने और अकाउंट में जमा करने का काम शुरू हो गया है।
इसी बीच बीते दिन बैंक शाखाओं में 2,000 रूपये के नोटों को छोटे नोटों से बदलने के लिए छोटी कतारें देखी गईं। बैंकों की ब्रांच सुबह जब खुलीं तो नोट बदलने के लिए इतनी भीड़ नहीं देखी गई। तो वहीं महानगरों में प्राइवेट सेक्टर से बैंकों की ब्रांच में सामान्य रूप से कोरबार हुआ।
ऐसें में कई लोगों द्वारा ये सोचा जा रहा है कि 2000 के नोट बहलने के लिए इतनी भीड़ नज़र क्यों नहीं आ रही? दरअसल, इस भीड़ ना दिखने का पहला कारण ये कि नोट बदलने के लिए लोगों को चार महीने का समय मिला है।
दूसरा कारण ये है कि 2000 रूपये का नोट चलन में भी कम था। तो वहीं तीसरा कारण ये है कि इस बार 2,000 का नोट कानूनी रूप से वैध हैं।
इसी बीच आरबीआई ने बैंकों को ये सलाह दी है कि वो 2,000 रूपये का नोट बदलने या जमा करने आए लोगों को धूप से बचाने ते लिए ‘शेड’ का इंतजाम करें।
इसके अलावा लाइन में लगे लोगों के लिए पीने के पानी की भी देखरेख की जाए। इसके अलावा इस बार 2,000 रूपये के नोटों को वापस लेने के बाद भी यह वैध मुद्रा जबकि 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद ऐसा नहीं था।
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया, बैंकों को नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से काउंटर पर उपलब्ध कराने को कहा है। इसके साथ ही बैंकों को रोजाना बदले जाने वाले नोटों का ब्योरा रखने को भी कहा है।
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