दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में CBI का छापा, न्यूरोसर्जन को किया गिरफ्तार

सीबीआई ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में छापा मारकर डॉक्टर मनीष रावत और अन्य आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। आरोप है कि जो मरीज़ों को जल्दी

सीबीआई ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में छापा मारकर डॉक्टर मनीष रावत और अन्य आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। आरोप है कि जो मरीज़ों को जल्दी समय देने और इलाज करने के नाम पर सबसे पैसे ले रहे थे और इलाज के लिए दवा और सर्जिकल का सामान प्राइवेट दुकान से महँगे दामों पर ख़रीदने के लिये मजबूर कर रहे थे। उनपर भ्रष्टाचार के साथ-साथ रिश्वत लेने से संबंधित आरोप लगे हैं.

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने मामले में आरोपी न्यूरोसर्जन के चार बाकि सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया. बता दें, टीम ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में काफी जगह पर छापेमारी कर इस नापाक मिलीभगत का पर्दाफाश किया.

अस्पताल के प्रोटोकॉल का किया उल्लंघन:

सीबीआई ने रावत पर अस्पताल के प्रोटोकॉल को भंग करते हुए शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए रोगियों से रिश्वत की मांग करने के लिए अपने साथियों के साथ मिलीभगत करने का आरोप भी लगाया है. गिरफ्तार आरोपियों में से एक पटेल ने रावत की तरफ से मरीजों के रिश्तेदारों से बात की और सर्जरी के लिए जल्द समय पाने के लिए जंगपुरा में खट्टर की दुकान से जरुरी समान खरीदने के लिए कहा था.

सीबीआई ने लगाए हैं ये आरोप:

जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि रावत ने अपने रोगियों से एक बिचौलिए के बैंक में 30,000 रुपये से 1.15 लाख रुपये तक की रिश्वत मांगी है. सीबीआई ने रावत पर बहुत ज्यादा महंगे सर्जिकल उपकरणों से कमाए अतिरिक्त धन के इधर-उधर, रिश्वत द्वारा खुद और अपने सहयोगी को सफल करने का भी आरोप लगाया है.


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