दिल्ली में हुए दंगो के मामले में कोर्ट ने किया 8 लोगों को आरोपमुक्त
दिल्ली की अदालत ने दंगो के दौरान आगजनी के आरोप में आठ लोगों को आरोप मुक्त कर दिया। कोर्ट का कहना है की दिल्ली पुलिस अपनी खामियों को छुपाने की कोशिश कर रही है।

दिल्ली की अदालत ने दंगो के दौरान आगजनी के आरोप से आठ लोगों को आरोप मुक्त कर दिया। कोर्ट का कहना है की दिल्ली पुलिस अपनी खामियों को छुपाने की कोशिश कर रही है। सारी पूछताछ के बाद भी ना तो कोई सीसीटीवी फुटेज मिली और ना ही किसी शिकायतकर्ता ने उनकी पहचान की है।
ये मामला तीन शिकायतों के आधार पर दर्ज हुआ था। एक कंप्लेंट में बृजपाल ने कहा था कि बृजपुरी रोड में उसकी किराए की दुकान में दंगाइयों ने 25 फरवरी को लूटपाट की थी। वहीं अन्य शिकायत में दीवान सिंह द्वारा बताया गया कि उसकी दो दुकानों में 24 फरवरी को लूटपाट हुई थी।
अलग-अलग दुकानदारों द्वारा दायर 12 शिकायतों के आधार पर आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दंगाइयों द्वारा उनकी दुकानों को कथित रूप से लूट लिया गया था और तोड़फोड़ की गई थी।
जज विनोद यादव ने कहा की वह ये नहीं समझ पा रहे हैं की 2 अलग अलग मामलो को एक साथ कैसे मिलाया जा सकता है, जब तक दोनों मामलों में अपराध करने वाले लोग एक जैसे नहीं थे। उन्होंने कहा कि उपरोक्त तथ्यों पर विचार करने के बाद उनका मानना है कि मामले में पेश सामग्री के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आगजनी का मामला नहीं बनता है।
अदालत द्वारा बताया गया की आरोप पत्र में आरोपियों पर अन्य धाराएं जैसे धारा 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा), 457 (घर में जबरन घुसना), 380 (चोरी), 411 (चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) लगाई गई हैं। यह मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई योग्य हैं। ऐसे में वे मामले को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष ट्रांसफर कर रहे हैं।