लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़, इंजीनियर सहित तीन गिरफ्तार
पुलिस ने पकडे गए आरोपियों के पास से वारदात में उपयोग 225 सिमकार्ड, चार बैंक कार्ड, 21 मोबाइल फोन, और तीन स्वाइप मशीनें बरामद की हैं।

राजधानी दिल्ली में बहुत कम ब्याज दर पर लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग के इंजीनियर सहित तीन बदमाशों को शाहदरा जिला के साइबर थाना पुलिस ने दबोच लिया है। पुलिस ने पकडे गए आरोपियों के पास से वारदात में उपयोग 225 सिमकार्ड, चार बैंक कार्ड, 21 मोबाइल फोन, और तीन स्वाइप मशीनें बरामद की हैं। बता दे की पकड़े गए आरोपियों में हितेश कुमार नामक आरोपी बीटेक इंजीनियर है और दूसरा आरोपी गौतम एमएड किए हुए है। आरोपियों के बाकी साथी चंदन और रूपेश त्यागी दिल्ली के द्वारका मोड़ इलाके में फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे। आरोपियों ने पिछले एक वर्ष के दौरान एक करोड़ से ज्यादा की ठगी की है।
पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर मामले की जांच में जुटी है। पुलिस को इस मामले में आरोपी चंदन उर्फ चंदेला, रूपेश त्यागी और अंकित तिवारी, संजय यादव सहित कई अन्य आरोपियों की तलाश है। इन आरोपियों ने पूर्व वर्ष दिल्ली के विश्वास नगर के कारोबारी से 26 लाख से ज्यादा की ठगी की थी। दिल्ली शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा के अनुसार पूर्व वर्ष विश्वास नगर निवासी पीड़ित दीपक अग्रवाल नामक शख्स ने ठगी होने की शिकायत साइबर थाना पुलिस को दी थी।
पीड़ित दीपक अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखा था। उस विज्ञापन में ये दावा किया गया था कि बहुत कम ब्याज दर पर लोन दिलवाया जाएगा और फिर दीपक अग्रवाल उनके झांसे में आ गया। पहले तो अलग-अलग मद में पीड़ित से धीरे-धीरे करीब 26 लाख रुपये ऐंठ लिये गए। पीड़ित के शिकायत देने पर पूर्व वर्ष ही मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई। जांच करते वक्त पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस व व्हाट्सएप चैटिंग की मदद से इस मामले में तीन आरोपियों की पहचान की।
फिर बाद में आरोपी सत्यवीर, आरोपी गौतम व हितेश को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के वक्त आरोपियों ने अपना अपराध कबूल लिया। पुलिस ने पकडे गए आरोपियों के पास से 21 मोबाइल, भारी मात्रा में सिमकार्ड, बैंक कार्ड स्वाइप करने की कुल तीन मशीन और अन्य कई सामान बरामद किया। पकडे गए आरोपियों ने बताया कि इन लोगों ने चंदन उर्फ चंदेला, अंकित तिवारी, रूपेश, संजय यादव सहित अन्य के साथ मिलकर ठगी की। आरोपी रूपेश व हितेश ठगी के लिए सिमकार्ड व बैंक अकाउंट उपलब्ध करवाते थे और आरोपी सत्यवीर मोबाइल फोन उपलब्ध करवाता था।
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