
दिल्ली के द्वारका जिले के मोहन गार्डन में रहने वाली 72 साल की बुजुर्ग महिला से उधार लिये गए रुपये वापस देने से बचने के लिए बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी। आरोपियों ने महिला के छोटे-छोटे करीब 20 से अधिक टुकड़े कर दिए। बाद में शव को तीन बैग में डालकर नजफगढ़ नाले में फेंक दिया था।
हत्या की इस सनसनीखेज वारदात को सुलझाते हुए पुलिस ने आरोपियों को यूपी से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान रानीखेत, उत्तराखंड निवासी कामिनी आर्य (31) और इसके पति अनिल आर्य (37) के रूप में हुई है।
द्वारका पुलिस की इंस्पेक्टर संतोष कुमार मीना ने बताया कि 3 जुलाई को रामा पार्क, मोहन गार्डन में रहने वाली मेघा ग्रोवर ने अपनी सास कविता ग्रोवर के गायब होने की शिकायत मोहन गार्डन थाने में दर्ज की। लोकल पुलिस ने छानबीन के बाद अपहरण का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। S.H.O राजेश मोर्य, इंस्पेक्टर अरुण कुमार व अन्यों की टीम ने सीसीटीवी से पड़ताल की। जांच के दौरान आरोपी को 1 जुलाई को एक बुजुर्ग महिला के घर के पास से तीन भारी बैग लेकर निकलता देखा गया। पुलिस को आरोपी पर शक हुआ।
बुजुर्ग महिला के घर से दो गली छोड़कर रहने वाले आरोपियों के घर पहुंचे तोह वहां ताला लगा मिला। पुलिस का शक यकीन में बदल गया। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी एक ऑटो से फरार हुए थे। टीम ने ऑटो वाले को ढूंढ निकाला। ऑटो चालक ने बताया कि आरोपी उनके रेगुलर ग्राहक हैं।
1 जुलाई को आरोपी ने उसे अपने घर बुलाया। बैग से खून निकल रहा था तो आरोपी ने बोला कि इसमें चिकन है। एक दोस्त के फार्म हाउस में पार्टी के लिए चिकन ले जाना है।
आरोपी को नजफगढ़ नाला रोड पर छोड़कर ऑटो वाला वापस आ गया। इसी दौरान पुलिस की दूसरी टीम को पता चला कि आरोपी उत्तराखंड के रानी खेत का रहने वाला है। एक टीम को वहां भेजा गया तो पता चला कि 3 जुलाई को आरोपी कुछ देर के लिए वहा गए था। यहां से वह एक टेक्सी में निकले थे।
टैक्सी चालक का पता लगाकर उससे पूछताछ की गई तो उसने रामपुर बस स्टैंड पर आरोपी को छोड़ने की बात की। बाद में टेक्निकल सर्विलांस की जांच करते हुए टीम बरेली पहुंची । वहां से 12 जुलाई को किराए के एक मकान से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ने हत्या की बात कुबूल कर ली। पुलिस दोनों को दिल्ली ले आई। इनके तीन छोटे बच्चे हैं जो उनके परिवार के हवाले कर दिए गए।
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