
राजधानी दिल्ली की स्पेशल सेल पुलिस ने नशीले पदार्थों की स्मगलिंग करने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का खुलासा किया जिसके चलते 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। नशीले पदार्थों की स्मगलिंग करने वाले लोगों से अच्छी क्वालिटी की 12 किलो हेरोइन बरामद की गई है। बरामद की गई 12 किलो हेरोइन की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में करीब 48 करोड़ रूपये है। जानकारी के मुताबिक, म्यांमार से हेरोइन और कच्चा माल पूर्वोत्तर राज्यों में आता था और फिर वहां से देश भर के अन्य राज्यों में जाता था। अफगानिस्तान के बाद म्यांमार भारत में हेरोइन सप्लाई करने वाला दूसरा सबसे बड़ा रास्ता बनता जा रहा है।
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव के मुताबिक, पिछले समय पकड़े गए नशीले पदार्थों के तस्करों से पूछताछ के दौरान इस बात की सूचना मिली की म्यांमार से उत्तर-पूर्वी राज्यों में हेरोइन सप्लाई की जा रही है । मणिपुर से बरेली, यूपी, दिल्ली आदि देश के अन्य हिस्सों में हेरोइन पहुचायी जाती है । सूत्रों के अनुसार, एसीपी जसबीर सिंह की टीम को इस बात की सूचना मिली थी कि दिल्ली, एनसीआर और यूपी में नशीले पदार्थों की स्मगलिंग करने वाला एक गिरोह सक्रिय है।
लगभग 3 महीने की जांच-पड़ताल के बाद गिरोह सरगना मणिपुर के रहने वाले अब्दुर रज़्ज़ाक की पहचान हुई। एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह की स्पेशल टीम बनाई गई। गिरोह के मुख्य सरगना शाहनवाज़ हुसैन और सचिन को मेन रोड, राजपुरी में दबोचा और अपनी गिरफ्त में लिया। इनके पास से करीब 10 किलो हेरोइन बरामद की गई। इन दोनों से पूछताछ करने के बाद, इनके और 2 साथियों को नेताजी सुभाष मार्ग से अपनी गिरफ्त में लिया गया। जानकारी के मुताबिक, साथियों के नाम मो. इदरीश और मो. अब्दुर रज़्ज़ाक हैं।
आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता लगा कि वह 1 अंतरराज्यीय मादक सिंडिकेट का हिस्सा थे। शाहनवाज़ ने पुलिस को बताया कि वह पिछले 3-4 साल से नशीले पदार्थ की स्मगलिंग कर रहा है। मणिपुर के रज़्ज़ाक से या अपने खुद के वाहन के माध्यम से इसकी डिलीवरी लेने के बाद हेरोइन को बेचता था। शाहनवाज़ रज़्ज़ाक से हेरोइन खरीदने के लिए अपने ट्रक से मणिपुर और असम के पहाड़ी इलाकों विशेष रूप से गुवाहाटी तक यात्रा करता था।
जानकारी के मुताबिक, शाहनवाज़ ने इस बात का भी पर्दाफाश किया कि पुलिस और अन्य कानून एजेंसियों से बचने के लिए उसने अपने ट्रक में एक विशेष गुप्त जगह बना रखी थी, कभी-कभी हेरोइन की अधिक मात्रा होने के कारण वह कुछ हेरोइन ट्रक के केबिन में छिपा देता था। इसके बाद यह हेरोइन दिल्ली एनसीआर और यूपी के क्षेत्रों में विभिन्न संपर्कों तक पहुंचाता था। सचिन द्वारा भी इस बात का खुलासा किया गया कि वह शाहनवाज़ हुसैन के ज़रिए मणिपुर के रज़्ज़ाक से हेरोइन कि खरीदी करता था और आगे दिल्ली एनसीआर में विभिन्न ड्रग पेडलर्स तक माल पहुंचाता था।
गिरफ्तार आरोपी अब्दुल रज़्ज़ाक ने बताया कि उसे म्यांमार से अच्छी मात्रा में कच्ची हेरोइन की खेप मिलती थी, साथ में उन्होंने यह भी बताया कि मणिपुर के सीमावर्ती क्षेत्रों और म्यांमार की सीमाओं पर अफीम की विशाल क्षेत्र में अवैध खेती होती है। क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आने की सम्भावना नहीं है और सीमा रेखा के साथ बड़े जंगल मौजूद है, यही कारण है कि मणिपुर से हेरोइन के लिए लोग आसानी से सीमा पार कर जाते हैं और म्यांमार में कच्ची हेरोइन की खरीद के लिए प्रवेश करते हैं। म्यांमार की कच्ची हेरोइन बढ़िया क्वालिटी की है और काफी ज़्यादा सस्ती भी, इसकी वजह से म्यांमार की कच्ची हेरोइन की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़्यादा मांग है।
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