कोरोना के डर के कारण 3 साल तक खुद को बच्चे के साथ रखा बंद और पति को भेजा बाहर

गुरुग्राम के चकरपुर में एक 33 वर्षीय एक महिला ने अपने नाबालिग बेटे के साथ खुद को किराये के घर में पूरे तीन वर्ष तक 'कैद' रखा

दिल्ली NCR में एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आयी है जहां गुरुग्राम के चकरपुर में एक 33 वर्षीय एक महिला ने अपने नाबालिग बेटे के साथ खुद को किराये के घर में पूरे तीन वर्ष तक ‘कैद’ रखा। साथ ही इसकी वजह है कि उसने कोरोना महामारी से बचने के लिए ऐसा किया था। जानिए पूरी खबर

बता दें कि पुलिस के अनुसार, घटना मंगलवार को लोगों के सामने आई जो अधिकारियों की एक टीम इन दोनों को घर से बाहर लेकर आई। साथ ही ये सब के बाद पुलिस टीम, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग और चाइल्‍ड वेलफेयर डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा मुख्‍य दरवाजे को तोड़कर मुनमुन मांझी और उसके 10 वर्षीय बेटे को बाहर निकाला गया था और बाद में मां और बेटे को गुरुग्राम के पास ही सिविल अस्‍पताल में सीधा पहुंचाया गया था।

ऐसे में जब सिविल सर्जन गुरुग्राम, डॉक्‍टर वीरेंद्र यादव से पूछा गया टी उन्होंने बताया कि, “महिला को कुछ मनोवैज्ञानिक (Psychological) समस्‍याएं हैं और दोनों को PGI, रोहतक रेफर कर दिया गया है, जहां उन्हें इलाज के लिए मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया है।” वही ये मामला 17 फरवरी को उस समय सामने आया जब मुनमुन के पति सुजान मांझी ने चकरपुर पुलिस चौकी में तैनात सहायक उपनिरीक्षक प्रवीण कुमार से संपर्क किया तह और सुजान एक निजी कंपनी में इंजीनियर हैं।

रिपोर्ट्स के चलते महिले ने अपने बेटे के साथ तीन साल के लिए खुद को ‘कैद’ कर लिया था, और 2020 में पहले लॉकडाउन प्रतिबंध में रियायत दिए जाने के बाद ऑफिस गए अपने पति को भी घर में आने की इजाजत नहीं दी थी और इसी के चलते पति सुजान ने पहले कुछ दिन दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों के साथ गुजारे थे और जब वह पत्‍नी को मनाने में नाकाम हो गया था तो उसने उसी इलाके में एक अन्‍य किराए के मकान में रहना शुरू कर दिया।

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