अपहरण करने के बाद पकड़े जाने के डर से पडोसी ने ली दो साल की बच्ची की जान
बच्ची को 9 अप्रैल को अगवा करने के बाद मुंह बंद कर आटे के ड्रम में उसे बंद कर दिया था, लेकिन वह उस ड्रम से किसी तरह बाहर निकलकर रोने लगी

अभी थोड़े दिन पहले ही ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के देवला गांव में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है जहां पड़ोसी राघवेंद्र नानक शख्स ने दो वर्षीय मानसी को दो लाख रुपये की फिरौती के लिए अगवा किया था और उसके बाद पकड़े जाने के डर से मासूम की हत्या कर दी। ऐसे में पुलिस ने अब आरोपी राघवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है जिसमे मंगलवार को उसने वारदात का खुलासा किया।
बता दें कि आरोपी द्वारा बच्ची को 9 अप्रैल को अगवा करने के बाद मुंह बंद कर आटे के ड्रम में उसे बंद कर दिया था। लेकिन वह उस ड्रम से किसी तरह बाहर निकलकर रोने लगी और इस दौरान बच्ची के पिता शिवकुमार, परिजन और कंपनी के कर्मचारी घर के आसपास ही मानसी कि तलाश में जुटे हुए थे।
ऐसे में पकड़े जाने के डर से राघवेंद्र द्वारा शाम को लगभग 6:30 बजे शॉल से मुंह दबाकर उस मासूम बच्ची की हत्या कर दी और शव ठिकाने लगाने के इरादे से आरोपी बच्ची को पिठ्ठू बैग में दरवाजे के पीछे खूंटी पर टांग दिया था। वही पुलिस द्वारा 9 अप्रैल को फिर पड़ोसी राघवेंद्र के कमरे से पिठ्ठू बैग में टंगे मानसी के शव को बरामद कर लिया गया था और सोमवार को पुलिस ने आरोपी को गाजियाबाद के रेलवे स्टेशन प्रीपेड टैक्सी बूथ के पास से गिरफ्तार किया था
ऐसे पड़ा शक
रिपोर्ट्स से सामने आया है कि राघवेंद्र के घर की ओर चीटियां जाते देख लोगों को शक हुआ था क्योकि बैग में टंगे बच्ची के शव से निकल रहे खून पर चीटियां जा रही थीं। ऐसे में लोगों द्वारा इस बारे मेंउससे पूछा गया तो आरोपी ने बताया कि उसके कमरे कोई चूहा मर गया होगा इसीलिए ऐसा हो रहा है। इसके बाद ही आरोपी के भेद खुद ही खुलने की आशंका से वह भाग गया।
नदी या जंगल में फेंकने का था फैसला
हालाँकि, आरोपी ने खुद इस बारे में बताया कि किसी को शक न हो इसलिए बच्ची के शव को पिठ्ठू बैग में लेकर जाता और वह शव को पक्षी विहार या किसी जंगल में या फिर आस पास कि नदी में फेंक देता और उसके बाद उसके परिजनों से फिरौती के पैसे मांगता।
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