लखीमपुर खीरी में दरिंदो ने दुष्कर्म के बाद दोनों बहनों को फंदे पर लटकाया

जब माँ ने बिटिया को बचाने की कोशिश की तो उस वक्त उसे भी चोटें आईं। मां के शोर मचाने के बाद इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने तलाश शुरू की तो करीब...

एक बाइक पर तीन युवक आए दोनों बहनों को खींचा। बेटियों को उनके चंगुल से छुड़ाने के लिए जब मां बदमाशों से भिड़ी तो बदमाशों ने मां को भी धक्का दे दिया और भेड़ियों की तरह बेटियों को बाइक पर टांग ले गए। यह किस्सा मृत बेटियों की मां ने बताया है।

वारदात के करीब पौन घंटे के बाद जब दोनों बेटियों का खेत में फंदे से लटकते हुए शव देख मां-बाप जमीन पर गिर गए। मृतका की मां के मुताबिक़ तीनों आरोपी पड़ोसी गांव के पड़ोस के एक घर में अक्सर आना जाना करते थे और घर के आसपास चक्कर भी काटते रहते थे। बुधवार शाम के समय बेटियों का पिता धान काटने के लिए गया था।

घर पर उसकी बीमार पत्नी व दो नाबालिग बेटियां भी थीं। मृतका की मां के अनुसार करीब शाम पांच बजे उनकी 17 साल की बड़ी बेटी और 15 साल की छोटी बेटी घर के बाहर लगी चारा मशीन पर जानवरों के लिए चारा काटने के लिए जा रही थी लेकिन तभी तीन युवक सफेद बाइक पर सवार होकर आये और दोनों बेटियों को दबोचकर अपनी बाइक पर ले गए।

जब माँ ने बिटिया को बचाने की कोशिश की तो उस वक्त उसे भी चोटें आईं। मां के शोर मचाने के बाद इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने तलाश शुरू की तो करीब 48 मिनट बाद 5 बजकर 48 मिनट पर गांव से लगभग 700 मीटर की दूरी पर एक गन्ने के खेत में लगे खैर के पेड़ में दुपट्टे से लटके दोनों बहनों के शव मिले।

मां का कहना है कि पड़ोस के गांव के तीन युवक उसके घर के आसपास से आना जाना करते रहते थे, लेकिन कभी उसको यह अंदाजा नहीं था कि तीनों युवक बेटी को अगवाकर मार डालेंगे। मृतक की मां अपनी दोनों बेटियों को पढ़ा-लिखाकर शिक्षक बनाना चाहती थी। मृतक के दो भाई दिल्ली में मजदूरी करते हैं।

बताया जा रहा है कि बड़ी बेटी हाईस्कूल और छोटी बेटी आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। ग्रामीणों ने पुलिस पर शव को जबर्दस्ती अपने कब्जे में लेने का आरोप लगाया है और इसके चलते ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ घटनास्थल पर खूब हंगामा किया।

इस दौरान ग्रामीणों व पुलिस के बिच तीखी झड़प हुई और इसके चलते नाराज लोगों ने इकठा होकर सदर चौराहे पर जाम लगा दिया। आरोप है कि प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान यादव मृतक के शव को जबरन कपड़े में लपेटकर घटनास्थल से लेकर चले गए, और इस वजह से परिवार वाले मृतक बेटियों के शव को ठीक से देख भी नहीं पाए।

नाराज ग्रामीणों ने काफी रोष जताया। किसी तरह पंचनामा भरकर उनको सील किया गया और इसके बाद मृतकों के शव लेने पहुंची एंबुलेंस को भी ग्रामीणों ने वही पर घेर लिया और फिर शव को ले जाने के लिए मना कर दिया। किसी तरह पुलिस ने वहां से एंबुलेंस और मृतका के पिता को वहां से निकाला।

शव को लेने आयी एंबुलेंस को निघासन में ही रोकने के लिये तमाम ग्रामीण बाइक पर सवार होकर एंबुलेंस के पीछे पीछे भागे लेकिन मौके की नजाकत को देखते हुए वहां मौजूद पुलिस अफसरों ने निघासन में बिना रोके एंबुलेंस को लखीमपुर के लिए रवाना कर दिया।

इस दौरान एंबुलेंस को न पाकर नराज ग्रामीणों ने सदर चौराहे पर जाम लगा दिया। सीओ संजयनाथ तिवारी व कोतवाल चंद्रभान यादव सहित तमाम पुलिसकर्मी मनाने व समझाने में लगे रहे लेकिन ग्रामीण उनकी बात नहीं माने। इस दौरान पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह से ग्रामीणों की झड़प हो गयी।

अपर पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों से कहा कि जो भी शिकायत आपके द्वारा दी जाएगी, उसके आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी। अभी पुलिस को अपना काम करने दीजिये। वारदात के करीब एक घंटे के बाद करीब साढे़ सात बजे S.P संजीव सुमन भी मौके पर पहुंचे और वहां पहुंचकर उन्होंने भी ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन नाराज ग्रामीणों ने दोनों मृतकों के शव को वापस निघासन मंगाने की जिद की।

इस पर SP ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि ग्रामीण अगर चाहते है तो लखीमपुर में चलकर अपने सामने मृतकों का पोस्टमॉर्टम करवा सकते हैं लेकिन इसके बाद भी बोहोत देर तक हंगामा चलता रहा। SP संजीव सुमन के मुताबिक़ प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

दोनों मृतकों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने से नाराज ग्रामीण सड़क जाम करने पर अड़ गए, लेकिन इसके बाद मौके पर पहुंचे SP संजीव सुमन ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भड़के हुए ग्रामीण SP से उलझ गए। SP ने सड़क जाम करने को कानून विरुद्ध बताते हुए वहां मौजूद ग्रामीणों को ऐसा न करने की नसीहत दी।

इस दौरान पुलिस जब समझाकर सभी ग्रामीणों को थाने में ले आई, लेकिन इसके बाद भीड़ फिर भड़क गई और मृतका की मां को गोद में उठा लिया गोद में उठाकर चौराहे की ओर चल पड़े। इस दौरान पुलिस ग्रामीणों को रोकने में लगी रही। ग्रामीणों और पुलिस दोनों के बीच काफी धक्का-मुक्की हुई।

रात के समय घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद करीब रात 10 बजकर 30 मिनट पर आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह सदर चौराहा पर पहुंचीं। आईजी मृतका की मां के आंसू पोंछते हुए मृतकों के परिजन व गांव के प्रधान सहित तीन लोगों से बात की और जल्द कार्रवाई करने का भरोसा भी दिया।

मीडिया से बातचीत के दौरान आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने कहा कि गांव से बाहर एक खेत में दोनों बहनों के शव लटके हुए मिले थे। मृतकों के शरीर पर जाहिरा कोई भी चोट के निशान नहीं मिले हैं। प्रथमदृष्टया दोनों मृतकों का शव फांसी पर लटका मिला हैं।

पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी इसके बाद आईजी ने परिवार वालों से बातचीत की, आईजी ने कहा वह जैसा भी लिखकर देते हैं, उसके आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द दोनों बच्चियों को इंसाफ दिलाया जाये।

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