
बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर पहले से ही एक आर्थिक अपराध एकांग ने तीन मामले दर्ज कर रखें है। जिसमे तमिलनाडु के एक वायरल हुए फर्जी वीडियो के अलावा बेतिया में गांधी जी की मूर्ति तोड़ने का मामला भी शामिल है. उस समय मनीष कश्यप के साथ साथ रवि और अमित सिंह नामक दो और युवकों ने मिलकर सोशल प्लेटफार्म पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसके अंदर महात्मा गांधी की मौत का जश्न मनाने की बात हो रही थी. जिसको लेकर ईओयू ने मामले को दर्ज किया. और अब इसी वीडियो के माध्यम पर चौथा केस भी दर्ज हो सकता है.
अब समझिए पूरा मामला:
आवेदन पत्रदेने वाले निशांत वर्मा ने EOU को यह कहा है कि मनीष कश्यप और उसके दोस्तों ने वीडियो में जिन दो लोगों को मारने की बात को स्वीकार किया था. अब इस मामले में भी केस दर्ज हो. आर्थिक अपराध इकाई ने C-51/23-3-2023 स्वीकार किया है. और इतना ही नहीं अगर इस मामले में ईओयू ने इस आवेदन पत्र स्वीकार कर मामले को दर्ज किया तो मनीष कश्यप को बहुत ही ज्यादा मुसीबत झेलनी पड़ सकती है. बता दें, पत्र में हत्या और आतंकवादी गतिविधि की आईपीसी की धारा लगाई जा सकती है. आवेदन देने वाले निशांत वर्मा राजधानी के एक राजनीति विश्लेषक हैं. वह शुक्रवार को पटना गए थे. और वहां पर उन्होंने आर्थिक अपराध इकाई में पत्र दिया है.
ईओयू को आवेदन देने वाले ने क्या कहा?
निशांत वर्मा ने सूत्रों को बताया कि वह 15 मार्च को पटना गए थे और उस दिन मुख्यमंत्री को उन्होंने इस मामले को लेकर आवेदन दिया था कि मनीष कश्यप पर आतंकी मामले में मिला हुआ व्यक्ति होने पर यूएपीए (UAPA) लगना चाहिए. और आवेदन को 17 मार्च को चीफ सेक्रेटरी के कार्यालय द्वारा माना गया.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस बीच जब वह पटना में थे तो उन्होंने एक वायरल हुआ वीडियो देखा जिसमें महात्मा गांधी पर गलत भाषा का इस्तेमाल किया गया और उसी वीडियो में दो लोगों की हत्या करने का स्वीकार किया हुआ था, मस्जिद जलाने की बात तक को स्वीकार कर रहे हैं. जब उन्होंने इस मामले पर जांच की उन्हें तो पता चला कि इस पर कहीं केस नहीं हुआ है. इसलिए गुरुवार को पटना पुलिस मुख्यालय गए. लेकिन वहां पर उनसे आर्थिक अपराध इकाई में जाने के लिए बोला गया . शुक्रवार को इस मामले में ईओयू को आवेदन दिया. आवेदन ले लिया गया है.
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