आप को बता दें रोहतक के एक निजी अस्पताल में एक महिला ने एक लड़के व एक लड़की को जन्म दिया था और जन्म के बाद ही मां व लड़के की वही पर मौत हो गई। और जबकि लड़की का उपचार अभी चल रहा है। इस महिला के पति का ये आरोप है कि इस अस्पताल में गायनी की स्पेशल महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी। और उसे धोखे में रखा गया था अब पुलिस ने इस अस्पताल के सभी डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही बरतने का केस दर्ज कर लिया है।
बता दें आजादगढ़ निवासी रणजीत सिंह ने वहाँ की पुलिस को दी शिकायत में ये बताया है कि उसकी पत्नी रिसु नौ माह से गर्भवती थी। और शुरू से ही एक निजी अस्पताल में उसका उपचार भी चल रहा था। और वहां पर एक महिला व एक पुरुष डॉक्टर ही उपचार करते थे। और उन डॉक्टरों ने उसकी पत्नी के आपरेशन की 1 मार्च या 2 मार्च को आपरेशन की तिथि भी दे रखी थी। इसके बाद 27 फरवरी की सुबह उसकी पत्नी ने पेट में हल्का सा दर्द महसूस होने की शिकायत की।
फिर वह उसे उसी अस्पताल में ले गया, जहां शुरू से ही उसका उपचार चल रहा था। वहाँ की महिला डॉक्टर ने कहा कि उसे आज ही उसका आपरेशन करना पड़ेगा। और जल्द रक्त का इंतजाम भी कर लो और इस आपरेशन का समय शाम के तीन बजे का दिया गया, लेकिन यह आपरेशन तीन बजे की जगह शाम के 7 बजे किया गया। फिर उसको बताया गया कि लड़का व लड़की पैदा हुए हैं।
और लड़के में जान नहीं थी। और जब पत्नी के बारे में पूछा तो उसको बताया गया की वह अब बिलकुल ठीक है। फिर रात करीब एक बजे डॉक्टरों ने उसको कहा कि उसकी पत्नी को किसी बड़े अस्पताल में शिफ्ट करना होगा, क्योंकि यहां पर अधिक पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।
फिर उसने कहा कि अब आधी रात को उसको कहां लेकर जाऊं। और इसके बाद उसकी पत्नी को खुद ही वहाँ की एंबूलेंस का इंतजाम करके दूसरे किसी निजी अस्पताल में भेज दिया गया। इसके 28 फरवरी को सुबह 11 बजे उसकी पत्नी को वहाँ मृत घोषित कर दिया गया। अब इस पीड़ित की मांग है कि उसकी पत्नी के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से ही करवाया जाए।
बता दें अब निजी अस्पताल के उन अज्ञात डॉक्टरों के खिलाफ उपचार में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज कर लिया गया है। और अब महिला के शव का बुधवार को ही पोस्टमार्टम कराया जाएगा। अब जो भी तथ्य है वो सामने आ जायँगे, और उनके आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी।