
आप को बता दें ये गिरोह पेपर देने आने वाले उम्मीदवारों को जीएसएम डिवाइस (उपकरण) भी मुहैया कराता था। वो इसमें सिम कार्ड डालकर आसानी से कनेक्टिविटी के लिए छोटे से ब्लूटूथ ईयर बड्स देते थे। ये उम्मीदवार इन जीएसएम डिवाइस को आमतौर पर अपने जूते व जुराबों आदि में छिपाकर भी ले जाते थे।
बता दें बहुचर्चित नायब तहसीलदार भर्ती घोटाले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। और इस पद का सौदा 20-20 लाख रुपये में भी किया जाता था। और नायब तहसीलदार पद पर ज्वाइनिंग के तुरंत बाद ही नकल करने वाले उम्मीदवार को गिरोह को इस रकम की अदायगी भी करनी पड़ती थी। अभी तक इस मामले में पुलिस के हत्थे परीक्षा में रैंक हासिल करने वाले पांच ही उम्मीदवार चढ़े हैं।
बता दें अभी और भी कई उम्मीदवार पुलिस के रडार पर हैं। और इन्हें जांच में शामिल कर उनके अकादमिक रिकॉर्ड की जांच के साथ-साथ पूछताछ भी की जा रही है। डीएसपी घन्नौर रघबीर सिंह ने पुष्टि करते हुए ये भी कहा कि जांच अभी भी बेहद महत्वपूर्ण चरण में है। और इस मामले में अभी ज्यादा खुलासा नहीं किया जा सकता है लेकिन जल्द ही कुछ और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
इस घोटाले की जांच के लिए विशेष टीम गठित भी की गई है। इस मामले में अभी तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। बता दें इनमें छह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से नकल करने वाले गिरोह के भी सदस्य हैं इसके अलावा पांच उम्मीदवार भी हैं। इन उम्मीदवारों में दूसरा रैंक पाने वाला बलराज सिंह, और 12वां रैंक हासिल करने वाला लवप्रीत सिंह, और 21वां रैंक पाने वाले वरिंदरपाल चौधरी भी है, चौथा रैंक पाने वाला बलदीप सिंह और पांचवां रैंक पाने वाली सुनीता नाम की युवती भी शामिल है।
गिरोह पेपर देने आने वाले सभी उम्मीदवारों को जीएसएम डिवाइस (उपकरण) भी मुहैया कराया जाता था। वो इसमें सिम कार्ड डालकर आसानी से कनेक्टिविटी के लिए छोटे से ब्लूटूथ ईयर बड्स भी देते थे। ये सभी उम्मीदवार इन जीएसएम डिवाइस को आमतौर पर अपने जूते व जुराबों आदि में छिपाकर लेकर जाते थे। और इनके माध्यम से पेपर में नकल करवाई जाती थी। बता दें इस गिरोह से अभी तक सात मिनी ब्लूटूथ ईयर बड्स, और 12 मोबाइल, और एक लैपटॉप, साथ में दो पेन ड्राइव और 11 जीएसएम डिवाइस ये सभी बरामद कर लिए गए हैं।
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