
पश्चिमी दिल्ली बैंक ऑफ बड़ौदा के सहायक महाप्रबंधक ने 22 जुलाई 2021 को विकास पुरी थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज की। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी ने फर्जी और जाली दस्तावेजों के आधार पर उनकी विकास पुरी शाखा से 20 लाख रूपए का कार ऋण लिया है। उनकी आंतरिक जांच के दौरान आरोपी/उधारकर्ता द्वारा प्रदान किए गए कार्यालयों और आवास के सभी पते फर्जी पाए गए। प्राथमिक जांच और वरिष्ठ अधिकारियों से पूर्व अनुमोदन के बाद, मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर महिंदर सिंह दहिया, SHO विकास पुरी और तिलक नगर ACP सुरेंदर सिंघ की देखरेख में एसआई विकास साहू, एचसी पवन और सीटी सहित एक विशेष टीम बनाई गई। जांच के दौरान, यह पता चला कि उपरोक्त ऋण उधारकर्ता के आयकर रिटर्न और अन्य आवासीय और कार्यालय दस्तावेजों के आधार पर स्वीकृत किया गया था।
आरोपी ने M/S केवीएस ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड (केवीएस हुंडई) द्वारा जारी मूल परफोर्मा इनवॉइस भी प्रस्तुत किया। इसके बाद शिकायतकर्ता बैंक चार्टर्ड अकाउंट फर्म की वेरिफिकेशन रिपोर्ट पर, M/S केवीएस ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में 3 बैंकर चेक जारी किए गए, और उधारकर्ता शक्ति रावल को सौंप दिए गए। तीनों बैंकर्स चेक को M/S ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के फेवर में क्लियर किया गया था। ऋण के वितरण के बाद, आरोपी उधारकर्ता बार-बार कहने के बावजूद बैंक के साथ पंजीकरण प्रमाण पत्र जमा करने में विफल रहा। इसके अलावा उसके द्वारा जमा किया गया टैक्स इनवॉइस और इंश्योरेंस की कॉपी, पता, और सभी दस्ताबेज नकली पाए गए। यही नहीं, सभी फ़ोन नंबर भी स्विच ऑफ और नकली ID पर रजिस्टर किए गए थे।
आगे की जांच में पता चला कि आरोपी ने ICICI बैंक में मुख्य अकाउंट KVS ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर गौतम बुध नगर के पते पर खुलवाया था और लोन लिया था। जबकि पुलिस को जांच में पता चला कि इस पते पर इस नाम की कोई भी कंपनी या शोरूम नहीं है। कार लोन लेने के बाद भी आरोपी ने कोई गाड़ी नहीं खरीदी और राशि को ATM के ज़रिये निकाल लिया या दूसरे बैंक अकॉउंट में ट्रांसफर कर दिया था।
आगे की गई जांच में पता चला कि इसी तरह की धोखाधड़ी के करीब 12 केस बैंक ऑफ़ बड़ोदा द्वारा दिल्ली के अलग-अलग पुलिस स्टशनों में दर्ज कराए गए हैं। स्पेशल पुलिस टीम ने खुफिया जानकारी के आधार पर और तकनीकी सहायता की मदद से, एक आरोपी का पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 3 और आरोपियों आरोपियों का पता लगाया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। चारों आरोपियों की पहचान राजीव, अज़हर खान, रवि शर्मा, और शक्ति रावल के रूप में हुई है। इसके आलावा आरोपियों के पास से एक Hyundai Tucson गाड़ी, 2.5 रूपए कैश, तीन iPhone एक laptop और कुछ दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं। जांच के दौरान आईपीसी की धारा 467/468/471 जोड़ी गई है। मामले की आगे की जांच जारी है।
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