भतीजे ने किया चाचा पर हमला, एक वार में सिर से निकला खून का फव्वारा
भतीजे के वार से चाचा की मौके पर ही मौत हो गई और खुद भतीजे ने ही मामले की जानकारी पुलिस को देकर शराब के नशे में चाचा के गिरने की बात...

राजधानी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में शराब के नशे में चाचा भतीजे को गालियां दे रहे थे लेकिन इसके बाद भी चाचा का मन नहीं भरा तो चाचा ने अपने भतीजे को डंडे से मारना शुरू कर दिया। इस बात पर नाराज भतीजे ने चाचा के सिर पर लकड़ी का फट्टा दे मारा और फट्टा लगते ही चाचा के सिर से खून का फव्वारा निकल पड़ा और इससे चाचा की मौके पर ही मौत हो गई।
खुद भतीजे ने ही मामले की जानकारी पुलिस को देकर शराब के नशे में चाचा के गिरने की बात की। लेकिन फिर बाद में पुलिस को हकीकत का पता चला। पुलिस ने 55 वर्ष के मृतक चाचा बीरपाल का शव कब्जे में लेकर मोर्चरी भेजा। गैर इरादतन मर्डर का मामला दर्ज कर 24 वर्ष के आरोपी भतीजे दीपक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपी दीपक से पूछताछ कर मामले की छानबीन में जुटी है।
वारदात में इस्तेमाल लकड़ी के फट्टे को पुलिस ने पड़ोसी की छत से बरामद कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार बीरपाल परिवार के साथ दिल्ली के खजूरी खास के तुकमीरपुर गांव में रहते थे। इनके परिवार में बड़े भाई की पत्नी संतरा देवी, भतीजा दीपक और अन्य सदस्य हैं। बीरपाल अविवाहित थे और उनके बड़े भाई रणवीर की मौत हो चुकी है।
इनके पास प्रॉपर्टी है, जिसका इनके पास किराया आता है। पिछले कुछ दिनों से शामली, यूपी में रहने वाला बीरपाल का भांजा जिसका नाम दारा सिंह और उसकी पत्नी खुशी इलाज के लिए राजधानी दिल्ली आए हुए हैं और दोनों मामा के घर पर ही रुके हुए हैं। पुलिस को दिए गए बयान में खुशी ने बताया कि बुधवार रात के वक्त बीरपाल अपने कमरे में शराब पी रहे थे और वहीं दूसरे कमरे में दीपक लेटा हुआ था। लेकिन इस दौरान बीरपाल दीपक को डांटने लगे और फिर गालियां देने लगे।
उनका गुस्सा इतना ज्यादा बढ़ा कि वह नशे की हालत में उठे और फिर उन्होंने दीपक को बुरी तरह डंडे से मारना शुरू कर दिया। और फिर दीपक भी गुस्से में उठा और घर के बाथरूम से एक लकड़ी का फट्टा उठा लाया। इसके बाद दीपक ने चाचा के सिर पर जोर से फट्टे को मार दिया। चाचा के सिर से काफी तेजी से खून निकला और फिर वह फर्श पर गिर गए। शुरुआत में आरोपी दीपक को लगा कि शायद चाचा नशे में बेहोश हो गए हैं। लेकिन बहुत देर भी जब वह नहीं उठे तो उसने चाचा की जांच की।
और चाचा की सांसें रुकीं हुई थीं, इससे दीपक काफी बुरी तरह डर गया। और फिर उसने शराब के नशे में चाचा के गिरने की बात की। बाद में बाकी परिजनों के साथ चाचा को खुद ही हॉस्पिटल ले गया। वहां चाचा की मौत का पता चला। पुलिस मौके पर पहुंची तो आरोपी दीपक ने पुलिसकर्मियों का कॉल नहीं उठाया। पुलिस को बीरपाल की मौत के बारे में पता चला। इसके बाद आरोपी दीपक को भी हिरासत में ले लिया गया। दीपक ने सारी बात पुलिस को बताई।
आरोपी दीपक ने बताया कि उसने डर कारण वारदात में इस्तेमाल लकड़ी के फट्टे को पड़ोसी के घर पर फेंक दिया है। बाद में पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल लकड़ी का फट्टा बरामद कर लिया। पुलिस दीपक से पूछताछ कर मामले की छानबीन में जुटी है।
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