अपराधदिल्ली एनसीआर

बैंक के लोन और कर्जदारों से बचने के लिए खुद ने रच डाली गुमशुदगी की साजिश

संतोष ने बंथला में अपना मकान बनवाया था। और इसके लिए ही उसने एक बैंक से लोन और बाजार के लोगों से भी 8 लाख रुपये ब्याज पर उनसे उधार...

बता दें बैंक के लोन और सभी कर्जदारों से बचने के लिए एक जनरल स्टोर सामान की सप्लाई करने वाले की पत्नी ने अपने पति की लोनी बॉर्डर थाने में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले की जांच की तब पता चला कि ये सूचना झूठी है और अपने कर्जदारों से बचने के लिए इस संतोष पांडेय ने अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के साथ मिलकर ये साजिश रची थी।

इस मामले में पुलिस ने संतोष पांडेय और उसकी पत्नी प्रीति और उसका भाई रोहित पांडेय और उन्नाव के सदवाड़ा के निवासी साढू़ रविशंकर, और साथ ही साला रजनीश को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार ने ये बताया कि राम विहार लोनी के निवासी प्रीति पांडेय ने 14 अप्रैल को लोनी बॉर्डर के थाने में अपने पति संतोष पांडेय की एक गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

जिसमें ये कहा गया था कि संतोष परचून के सामानो को सभी दुकानों पर फुटकर में ही बेचते थे। वो 13 अप्रैल को वह अपने सामान की सप्लाई करने के लिए गए हुए थे। और जिसके बाद वह वापस अपने घर नहीं लौटे। डीसीपी ने ये बताया कि इस जांच में ये पता चला कि संतोष ने बंथला में अपना मकान बनवाया था। और इसके लिए ही उसने एक बैंक से लोन और बाजार के कुछ लोगों से भी करीब 8 लाख रुपये ब्याज पर उनसे उधार लिए थे।

उसके बाद संतोष उनके रुपये नहीं लौटा पा रहा था। और ऐसे में उसको कर्ज देने वाले सभी लोग उस पर अपनी रकम वापिस लेने का लगातार दबाव भी बना रहे थे। जिस की वजह से संतोष काफी परेशान था। और इसी से बचने के लिए उसने अब खुद के गुमशुदा होने की एक साजिश रची और वह हरिद्वार चला गया। डीसीपी ने ये बताया कि इस जांच में ये सामने आया कि संतोष ने अपनी पत्नी प्रीति को अपना फोन भी दे दिया था

और उसको दो दिन बाद पुलिस को देने की भी बात कही। इसके बाद प्रीति ने ऐसा ही किया और उसके बाद वह अपनी बहन के साथ उस मोबाइल को लेकर पुलिस के पास चली गई और ये कहा कि यह मोबाइल हमे किसी झाड़ियों में पड़ा हुआ मिला था।

दूसरे नंबर से भी अपने परिवार के संपर्क में था ये संतोष
इसकी जांच में डीसीपी ने ये बताया कि सभी की कॉल डिटेल के सामने आने के बाद ये आया की संतोष हरिद्वार से ही अपने परिवार के संपर्क में था। साथ ही 14 अप्रैल को भी गुमशुदा संतोष और उसकी पत्नी व रिश्तेदारों से बातचीत करने के भी पक्के सबूत मिले। अब इस जांच के बाद पुलिस संतोष को हरिद्वार से भी बरामद करके लाई और सभी को गिरफ्तार भी कर लिया गया।

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