यमुना नदी को बचाने के लिए 100 साल बाद सबसे बड़ी लामबंदी, तट पर होगी यमुना संसद

पर्यावरण दिवस से पहले 4 जून को यमुना तट पर बनने वाली मानव शृंखला में कम से कम एक लाख दिल्लीवासी नदी को बचाने के लिए पांच कार्य

पर्यावरण दिवस से पहले 4 जून को यमुना तट पर बनने वाली मानव शृंखला में कम से कम एक लाख दिल्लीवासी नदी को बचाने के लिए पांच कार्य करने का प्रण लेने वाले है। यमुना नदी, दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण जीवनरेखा के रूप में पहचानी जाती है। हालांकि, इस प्रमुख नदी को हाथ में लेने की ज़रूरत दरकार हो गई है, क्योंकि इसे नदी की स्वच्छता और उसके पारितंत्रिक पारिस्थितिकी में हुए बदलावों के प्रति जागरूकता के कारण ध्यान देना जरूरी है। यमुना नदी की संरक्षण और सुरक्षा की यात्रा में दिल्ली सरकार ने एक महाप्रयास की शुरुआत की है, जो 100 साल बाद सबसे बड़ी लामबंदी है। इस महाप्रयास के तहत, यमुना के तटों पर यमुना संसद (Yamuna Sansad) की स्थापना की जाएगी, जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का वादा करती है।

बड़ी जुटाव की व्याख्या करते हुए, यमुना संसद एक मंच होगी जहां पर्यावरण संरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सांसदों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनता के सदस्यों को एकत्रित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य, यमुना के प्रदूषण को कम करने, जल संचयन के तंत्रों की स्थापना करने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मापन करने और बाढ़ नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने का है।

यमुना संसद के माध्यम से, यमुना नदी के प्रबंधन को एक समर्पित स्थान प्राप्त होगा, जहां नदी से जुड़े मुद्दों का समीक्षण किया जाएगा और नदी की स्वच्छता, प्रदूषण नियंत्रण, जल संचयन और पारिस्थितिकी संरक्षण को लेकर सशक्त नीतियों का विकास होगा। यह मंच सांसदों के लिए एक साझा प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करेगा ताकि वे नदी संरक्षण के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श कर सकें और आवश्यक नीतियों का विकास कर सकें।

इस प्रक्रिया में बढ़ी लामबंदी और परेशानियों के साथ-साथ अवसरों और समाधानों की विविधता भी होगी। व्यापक अध्ययन और अनुसंधान के माध्यम से, नवीनतम तकनीकी उपायों की खोज की जाएगी जो यमुना नदी की सुरक्षा और प्रबंधन में मदद करेगी। इसके अलावा, सामाजिक उपहारों के माध्यम से, नदी संरक्षा के लिए जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो बाढ़ नियंत्रण, प्रदूषण नियंत्रण और जल संचयन जैसे मुद्दों को समय पर संजोयेगी।


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