नजफगढ़ में बायोगैस प्लांट का ट्रायल हुआ शुरू, इन परेशानियनों से मिलेगा छुटकारा
नजफगढ़ जोन के नंगली सकरावती में निर्माणाधीन बायोगैस प्लांट को गुरुवार से ट्रायल बेस पर शुरू हो जाएगा। यहां आसपास की 1500 डेयरियों से....

नजफगढ़ जोन के नंगली सकरावती में निर्माणाधीन बायोगैस प्लांट को गुरुवार से ट्रायल बेस पर शुरू हो जाएगा। पांच महीने बाद ये पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू करेगा। यहां आसपास की 1500 डेयरियों से निकलने वाले गोबर से बायो गैस और जैविक खाद तैयार की जाएगी। मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने बुधवार को बायोगैस प्लांट की साइट पर जाकर इसका निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह प्लांट लैंडफिल साइटों पर पशुओं के गोबर की डंपिंग को कम करेगा। प्लांट में क्षेत्र की करीब 1,500 डेयरियों से रोज निकलने वाले करीब 200 मीट्रिक टन गोबर का इस्तेमाल होगा। गोबर से बायो गैस और जैविक खाद बनेगी और निगम व अन्य सिविक एजेंसियों की देखरेख वाले पार्कों में इस्तेमाल होगी। यहां से निर्मित जैविक खाद आम लोगों के लिए भी उपलब्ध रहेगी।
शैली ओबरॉय ने निर्माणाधीन बायोगैस प्लांट का किया निरीक्षण
मेयर के साथ स्थानीय विधायक गुलाब सिंह ने भी निर्माणाधीन बायोगैस प्लांट का निरीक्षण किया। मेयर ने कहा कि इस प्लांट में गोबर से गैस बनने की शुरुआत बृहस्पतिवार से हो जाएगी। इसे पहले ट्रायल के तौर पर शुरू किया जा रहा है। पांच माह बाद अक्टूबर से पूरी क्षमता के साथ ये काम करेगा। फिर यहां से भारी मात्रा में जैविक खाद का उत्पादन भी होगा।
डेयरी के मालिकों और स्थानीय लोगों को मिलेगा काफी लाभ
बता दें इस प्लांट के संचालन से सभी डेयरी मालिकों और वहाँ के स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा। और इस प्लांट के शुरू होने से वहाँ के कचरा प्रबंधन के काम में भी अब बड़ा योगदान मिलेगा। लैंड फिल साइट पर कचरा कम होगा। डेयरी क्षेत्रों में साफ सफाई बढ़ेगी और नालियों में गोबर नहीं जमा होगा। साथ ही कई प्रकार की बीमारियों से बचाव व पर्यावरण संरक्षण होगा।
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