
आप को बता दें अग्रिम निर्णयों के एक अपीलीय प्राधिकरण (AAAR) की पश्चिम बंगाल पीठ ने पहले के ही एक फैसले को अभी तक बरकरार रखा है। पीठ ने ये भी कहा है कि कार पार्क की बिक्री या उसके इस्तेमाल करने के अधिकार के निर्माण सेवाओं के साथ उसको स्वाभाविक रूप से भी जोड़ा नहीं जा सकता है।
इस तरह, इसको कंपोजिट सप्लाई के रूप में भी नहीं माना जाएगा और इसका 18 प्रतिशत की उच्च दर पर इसकी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) नहीं चार्ज की जा सकती। साथ ही AAAR का ये फैसला ईडन रियल एस्टेट की अपील पर भी आया है, जो की आवासीय अपार्टमेंट के निर्माण में भी लगा हुआ है।
आप को बता दें 1 अप्रैल, 2019 से इनपुट के टैक्स क्रेडिट (ITC) के बिना गैर-किफायती के आवास परियोजनाओं पर कुल 5 प्रतिशत GST (जीएसटी) ही लगाया गया है। साथ ही चल रही इस परियोजनाओं के लिए बिल्डर के पास इसकी ITC के साथ 12 प्रतिशत की पुरानी दर पर भी जीएसटी का पूरा भुगतान करने का एक विकल्प है।
और यदि करदाता (मान लीजिए, बिल्डर) ने एक अलग ही दृष्टिकोण अपनाया है, तो इसका पूरा नतीजा मुकदमेबाजी में ही होता है। और इस तरह, कुछ ही बिल्डर्स इसमें सतर्क रुख अपना भी सकते हैं और साथ ही कार पार्किंग स्पेस के संबंध में इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी भी चार्ज कर सकते हैं।
बता दें इस मामले में, रियल एस्टेट के डेवलपर ने ये भी तर्क दिया है कि इसमें कार पार्किंग की जगह सिर्फ इसमें फ्लैट खरीदारों को ही दी जाती है और स्टांप शुल्क का पूरा भुगतान उनसे लिए गए सभी पूरे विचार पर भी किया जाता है।
हालांकि, AAAR बेंच ने ये भी पाया है कि सभी संभावित फ्लैट खरीदार अपना खुद का फ्लैट बुक करते समय अपनी कार पार्किंग की जगह का भी विकल्प वो चुन सकते हैं या फिर नहीं भी। इस प्रकार से यह तर्क कि खुले पार्किंग की जगह का पूरा इस्तेमाल करने के अधिकार की उनके सुविधा स्वाभाविक रूप से निर्माण सेवाओं के साथ ही जुड़ी हुई है
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