
भाजपा ने एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से जो अध्यादेश आया है उसका हम स्वागत करते हैं, ये बहुत जरूरी भी था। वहीं, सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार इस अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आड़ में केजरीवाल जो गुंडागर्दी कर रहे हैं उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद अधिकारियों को हटाना शुरू कर दिया जाता है। 13 मई को विजिलेंस के सेक्रेटरी राजशेखर को हटाने के आदेश आते हैं। 15 मई को सौरभ भारद्वाज घोटाले में जांच कर रहे अधिकारियों से फाइल छीनना शुरू कर देते हैं। 16 मई रात में अधिकारियों के ऑफिस के ताले तोड़कर घोटाले की जांच वाली फाइल की फोटोस्टेट की जाती है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार क्या दिखाना चाहते हैं कि यहां गुंडों की सरकार है।
उन्होंने आगे कहा कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश अरविंद केजरीवाल हमेशा करते हैं, केजरीवाल बताएं कि उन्होंने जनता के पैसे अपना राजमहल बनाने पर क्यों बर्बाद किए। लड़ने, झगड़ने और धरने देने का केजरीवाल का रवैया अभी तक नहीं बदला। केजरीवाल टकराव की राजनीति करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास पूरी ताकत है और यह ताकत है अफसरों की जवाबदेही, अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग, भ्रष्ट अफसरों पर एक्शन लेने की ताकत है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब हुआ कि अगर दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है तो निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल के पास है। लैंड, लॉ-एंड ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल की है लेकिन भाजपा से यह सहन नहीं हुआ।
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