
आप को बता दें दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ बैराज के बीच यमुना में अब ही जल्द बोट चलती हुई नजर आएगी। साथ ही उपराज्यपाल की पहल पर अब यमुना में उतारी गई एक वर्क बोट ने सिग्नेचर ब्रिज से होते हुए आईटीओ बैराज के बीच की पहली यात्रा पूरी कर ली है। बता दें और इससे पहले यमुना में गहराई न होने और पानी में तैरती हुई गंदगी और साथ ही मलबे सहित अन्य सभी समस्याओं के कारण ये योजना साकार नहीं हो पाई थी।
बता दें इस समस्या को देखते हुए अब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उच्चतम न्यायालय व एनजीटी के आदेश पर इस यमुना के जीर्णोद्धार को लेकर अब काम शुरू किया है। और इसी के तहत शनिवार को भारतीय नौसेना की एक वर्क बोट का पहली बार इस सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ बैराज तक की सफलतापूर्वक ये संचालन किया हुई। बता दें इसकी दूरी लगभग 11 किलोमीटर है। और यह वर्क बोट हाल ही में एक कोच्चि से लाई गई थी।
बता दें कि एनजीटी की नियुक्त इस उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष के रूप में अब उपराज्यपाल यमुना की अब सक्रिय रूप से निगरानी भी कर रहे हैं। और इस अभियान में उन्होंने कई स्थानीय लोगों को भी जोड़ा है। बता दें इसी दिशा में यमुना के कुछ सीमित हिस्से में ही नौका को एक परिवहन साधन के रूप में ही संचालित करने की यह कल्पना भी की गई थी।
साथ ही यमुना में और उसके बाढ़ क्षेत्र की सभी सफलतापूर्वक सफाई करने और सिग्नेचर ब्रिज और ITO बैराज के बीच की व्यक्तिगत तौर पर ही निरीक्षण करने के बाद अब उपराज्यपाल ने नौसेना के आधिकारिक तौर पर ही एक बोट की मांग भी की थी और इस कार्य को अच्छे से शुरू करने का फैसला भी किया था। और इसके बाद चिन्हित क्षेत्र में ही स्थानीय रूप से सभी उपलब्ध उपकरणों को वहां पर गाद निकालने के लिए ही लगाया गया था और 20 जून तक करीब 30 मीटर चौड़ा एक चैनल भी अच्छे से तैयार कर दिया गया है।
इस बोट का परिचालन अभी जारी रखा जाएगा और इस यमुना में आगे विस्तृत सभी नेविगेशन परीक्षण भी किया जाएगा, जिससे की निकट आ रहे भविष्य में सभी यात्रियों को और सामान ले जाने वाली सभी नावों के लिए यह उचित चैनल निर्धारित भी किए जा सकें और यह सफलतापूर्वक भी चल सकें। इस चैनल को पूरी तरह से अंतिम रूप देने का यह काम 22 जून तक ही पूरा कर लिया गया था और शनिवार की सुबह वर्क बोट का भी ट्रायल रन भी किया गया था। इसके शुरुआत में ट्रायल रन की ये योजना केवल सिग्नेचर ब्रिज और बोट क्लब के ही 3 किमी की दूरी के लिए ये बनाई गई थी।
और इसको बाद में आईटीओ बैराज तक ले जाने का भी फैसला किया गया था। इस नाव को आईटीओ बैराज को इसके लिए बनाई गई एक विशेष जेट्टी पर ही अच्छे से सफलतापूर्वक खड़ा कर दिया गया है। बता दें इस नेवी वर्क बोट की लम्बाई 11 मीटर और 1.7 मीटर इसकी चौड़ी और इसका वजन 12 टन है। और यह बोट केवल 35 यात्रियों की क्षमता के साथ ये कुल 14 नॉट की गति से भी चल सकती है। बता दें इसको 3 जून 2023 को ही कोच्चि से सड़क के मार्ग द्वारा इसको लाया गया था और इसको सिग्नेचर ब्रिज की जेट्टी पर ही खड़ा कर दिया गया था।
यह भी पढ़ें: पिटबुल ने युवक को काटा, विरोध करने पर मालिक ने भी किया जानलेवा हमला