Delhi AQI : दिल्ली में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक, ये रणनीतियाँ कारगर 

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमारी पहली योजना दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करना है। दूसरी बात जो हमारी शीतकालीन कार्ययोजना का हिस्सा है, वह उन राज्यों के साथ समन्वय करना है जहां पराली जलाई जाती है।

केजरीवाल सरकार ने शहर में वायु प्रदूषण की मौजूदा समस्या पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में ‘ग्रीन वॉर रूम’ लॉन्च किया था, जिस कारण दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 201 की सीमा से नीचे (133) तक सुधर हुआ। बीते मंगलवार को भी शहर में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक (155) रही।

क्या है ग्रीन वॉर रूम –

वॉर रूम का कार्य (24×7) यह देखना है कि दिल्ली के किस इलाके में कितना प्रदूषण है। पहले इसके लिए सिर्फ नौ टीमें आवंटित थीं, अब इसे बढ़ाकर 17 टीमें कर दिया गया है। नंदिता मल्होत्रा को इसका प्रभारी बनाया गया है। 

AQI पैमाने के अनुसार, 0 और 50 के बीच वायु गुणवत्ता जांच को “अच्छा”, 51 और 100 के बीच “संतोषजनक”, 101 और 200 को “मध्यम”, 201 और 300 को “खराब”, 301 और 400 को “बहुत” माना जाता है। उसके बाद खराब” 401 और 450 “गंभीर” और जब AQI 450 से अधिक हो जाता तब “गंभीर+” माना जाता है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमारी पहली योजना दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करना है। दूसरी बात जो हमारी शीतकालीन कार्ययोजना का हिस्सा है, वह उन राज्यों के साथ समन्वय करना है जहां पराली जलाई जाती है। पंजाब ने भी इस बार तैयारी कर ली है। रिपोर्टों के मुताबिक, पंजाब में पराली कम जलाई जाएगी।

इसके अलावा, सरकार ने 13 हॉटस्पॉट पर धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 530 जल छिड़काव की तैनाती भी शुरू कर दी है, और 385 टीम मिलकर बड़े पैमाने पर वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्रों की जांच करेंगी और अधिक पुरानी कारों को चलने से रोकेंगी।

इस बीच, केंद्र सरकार ने सर्दियों के मौसम में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण विरोधी उपायों की एक श्रृंखला की भी सिफारिश की है, या ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) 1 अक्टूबर से राष्ट्रीय राजधानी में लागू होगा।

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