
Delhi Excise Policy 2021:दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब बिक्री के लिए बांटे गए ज़ोन से आबकारी राजस्व दस हजार करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। साल भर से दिल्ली सरकार राजस्व की कमी से गुज़र रही थी।दिल्ली सरकार आबकारी विभाग के माध्यम से अभी तक कुल 32 में से 20 ज़ोन का आवंटन कर करीब 5300 करोड़ रुपये कमा चुकी। नई दिल्ली ज़ोन के लिए सबसे महंगी बोली लगी है, इस ज़ोन के लिए आरक्षित 221 करोड़ की जगह बोली 315 करोड़ रुपये पर खत्म हुई। बचे हुए 12 ज़ोन में से प्रत्येक ज़ोन की कम से कम 265 करोड़ रुपये के हिसाब से बोली लगने की सरकार को उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार पिछली आबकारी नीति में राजस्व में वार्षिक वृद्धि दर 5 से 7 फीसद तक थी, लेकिन नई नीति के तहत राजस्व में 35 फीसद तक वृद्धि की उम्मीद है। आरक्षित बोली मूल्य 221 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। जिसमें एवरेज बोली का मूल्य 265 करोड़ रहा।सरकार का कहना है कि नई आबकारी नीति 2021-22 का मकसद भ्रष्टाचार को कम करना और शराब व्यापार में अच्छी प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाना है। नई नीति के तहत टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाला व्यक्ति दो से अधिक ज़ोन में बोली नहीं लगा सकता है। इससे अधिक शराब कारोबारी बाजार में आएंगे और किसी का एकाधिकार भी नहीं होगा। इस नीति से नकली शराब की बिक्री पर भी रोक लगेगी।
नई दिल्ली ज़ोन के लिए सबसे बड़ी बोली 315 करोड़ रुपये लगी, जिसका प्रीमियम 45 फीसद था। प्रत्येक ज़ोन के हिसाब से अगर 265 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व का अनुमान लगाएं तो सभी ज़ोन की आवंटन प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब 8800 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। इसके अलावा उत्पाद शुल्क, वैट, आयात शुल्क, CASDN, HCR License, थोक License और HCR वैट एकत्र करने के बाद अतिरिक्त 650 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। इससे कुल राजस्व के 9400 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।
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