दिल्ली सरकार ले आई वन टाइम सेटलमेंट योजना, 11 लाख लोगों को मिलेगा भरपूर लाभ

Saurabh Bhardwaj द्वारा बताया गया कि पानी के बिलों में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हैं और सभी बिल की ही खामियों को ठीक करना मुमकिन नहीं है।

राजधानी दिल्ली में पानी को लेकर हमेशा से ही लोगों की परेशानी बनी रही है जिसमे कभी ये दिल्ली के लोगों के लिए पानी की किल्लत के रूप में उभर कर सामने आती दिखती है, तो कभी पानी के अनाप-शनाप बिल के रूप में देखने को मिलती है। ऐसे में अब अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली वालों की पानी से जुड़ी इस परेशानी को पूरी तरह से दूर करने के लिए जिसमे एक तरफ राजधानी दिल्ली के भूजल स्तर को ही सुधारने और ट्रीटमेंट प्लांट आदि को बढ़ाने के उपायों में लगी है, तो वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर से AAP सरकार लाखों लोगों के पानी के गलत बिलों की ही सभी समस्या के निराकरण के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम (DJB One Time Settlement Scheme) लेकर सामने आई है।

बता दें कि दिल्ली में करीब 27.6 लाख पानी के उपभोक्ता देखे जाते है और ये घरेलू मीटर हैं, जिनमें से 11.7 लाख उपभोक्ताओं के बिल में ही एरियर्स जुड़े हुई हैं। साथ ही लोग अब इन सभी बिलों को लेकर परेशान हैं और ये एरियर्स 5737 करोड़ रुपये के हैं। जिसके लिए लोग M.L.A और जल बोर्ड के चक्कर काट रहे थे और फिर भी बिल और बढ़ता जा रहा है। जिसे देखते हुए पुराने बकाया बिल को भी एक मुश्त सेटल करने के लिए इस योजना को लाया गया है जिसके अलावा भी लोगों को पानी के ही बिलों का सही समय से भुगतान करने के लिए भी अब उनको प्रोत्साहित करना भी इस योजना का उद्देश्य बनाया जा चुका है।

रिपोर्ट्स के चलते दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) द्वारा बताया गया कि पानी के बिलों में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हैं और सभी बिल की ही खामियों को ठीक करना मुमकिन नहीं होता दिख रहा है। ऐसे में जल बोर्ड के 42 जोन हैं, जिनमें बीते 8 महीनों में महज 8 हजार लोगों के बिलों को ठीक किया गया है और बाकी बिलों में जिस तरह की गड़बड़ियां हैं उसे दूर करने में अभी पूरे 100 वर्ष लग जाएंगे।

हालांकि, दिल्ली सरकार की इस योजना को लेकर हुई बैठक में ही कि गई जल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा सवाल उठाते हुए कहा गया कि इस तरह की घोषणाएं मंजूरी के बाद ही कि जानी चाहिए। साथ ही बैठक में अधिकारियों ने राजस्व वसूली के आंकड़े पेश करते हुए बताया गया कि सरकार की इस घोषणा के बाद लोगों द्वारा अब सीधा बिल जमा करना भी उन्होंने बंद कर दिया है और DJB का राजस्व घटता ही जा रहा है।

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