प्रदूष्ण को लेकर दिल्ली सरकार ने उठाये ये ठोस कदम
इस साल भी पिछले साल की तरह दिल्ली सरकार इच्छुक किसानों के खेत में बायो डि-कंपोजर का नि:शुल्क छिड़काव करने के लिए त्यार हैं।

इस साल भी पिछले साल की तरह दिल्ली सरकार इच्छुक किसानों के खेत में बायो डि-कंपोजर का नि:शुल्क छिड़काव करने के लिए त्यार हैं। प्रणाली से प्रदुषण ना फैले, इसको लेकर दिल्ली सरकार पहले से भी काफी सतर्क हो गयी हैं।
पिछले वर्ष 5 अक्टूबर से ही घोल बनाने की प्रक्रिया चालू हो गयी थी। लेकिन इस साल 5 अक्टूबर तक घोल बनकर त्यार भी हो जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसी को लेकर 24 सितंबर को बायो डि-कंपोजर का घोल बनाने की प्रक्रिया की शुरूआत करेंगे।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के सहयोग से खरखरी नहर में यह घोल तैयार किया जाएगा। उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि थर्ड पार्टी ऑडिट की रिपोर्ट से किसान बहुत उत्साहित हैं।
किसान गैर बासमती धान वाले खेतों में भी छिड़काव की मांग कर रहे है। आपको बता दे कि इस साल 2 हजार एकड़ की जगह 4 हजार एकड़ खेत के लिए घोल तैयार किया जाएगा। सरकार इस काम में 50 लाख रूपए का खरचा कर रही हैं।
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से भी इस मुद्दे पर कोई कदम उठाने की मांग की। कहा की बाकी राज्यों में जल्द से जल्द छिड़काव की त्यारी की जानी चाइए। ताकि प्रणाली के कारण उतर भारत के सभी राज्यों को मुसीबत ना हो।
गोपाल राय का कहना है कि प्रदुषण बढ़ने में पड़ोसी राज्यों की भी पूरी भूमिका हैं। उनका कहना है कि प्रदुषण को बढ़ावा मिलने में प्रणाली की एक एहम भूमिका होती हैं।
जब दिल्ली के चारो और मौजूद राज्यों में प्रणाली जलनी शुरू होती हैं तो उसका सबसे ज़्यादा असर दिल्ली पर ही आता हैं। प्रणाली की समस्या का समाधान हो सके, इसको लेकर काफी मुक़दमे चले लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकला।
दिल्ली के अंदर प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सरकार लगातार विभागों के साथ बैठक कर रही है। सभी विभाग अपने विंटर एक्शन प्लान बना रहे हैं, जिसे 30 सितंबर तक तैयार कर लिया जाएगा। विचार विमर्श के बाद इसे मुख्यमंत्री घोषित करेंगे।
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