
Delhi Budget 2021 के दौरान, उपमुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे में देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना पैदा करने और उन्हें जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करने के लिए देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की थी।
आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य पर इस शैक्षणिक सत्र से दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में देशभक्ति की पढ़ाई शुरू होने जा रही है। दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू कर रही है। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की गवर्निंग कॉउंसिल ने इस पाठ्यक्रम के फ्रेमवर्क को मंजूरी दी। अगले कुछ दिनों में पाठ्यक्रम का फाइनल ड्राफ्ट काउंसिल सदस्यों के विचारों को शामिल करने के बाद जारी कर दिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने इस पर चर्चा करते हुए कहा कि फ्रेमवर्क तीन प्राथमिक लक्ष्यों पर काम करेगा। छात्रों के बीच देश के लिए प्यार और गर्व, अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक बनना, और देश के लिए सर्वस्व देने की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देगा। NIP के बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम का उद्देश्य मौलिक कर्तव्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की गहरी भावना विकसित करना और अपने देश के प्रति भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के लिए जागरूकता विकसित करना है।
करिकुलम के पठन-पाठन के तौर तरीके राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के सिद्धांतों पर आधारित हैं। साथ ही बच्चों पर केंद्रित हैं। ये किताबों और पारंपरिक मूल्यांकन प्रणाली तक सीमित रहने के बजाय बच्चों की रोज की जिंदगी से जुड़ने पर आधारित हैं।
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