दिल्ली को सरकार बना रही है ‘झीलों का शहर’, 35 झीलें विकसित, पेयजल की किल्लत खत्म
DJB 56 झीलों को पुनर्जीवित करने के प्रॉजेक्ट पर पूरी तरह काम करती दिख रही है जिनमें से अभी तक करीब 35 झीलों को पुनर्जीवित कर दिया गया है

दिल्ली में बहुत सी योजनाए चलायी जा रही है जिससे राजधानी को और भी ज्यादा बेहतर बनाया जाए। ऐसे में बात करे तो घटते भूजल स्तर को सुधारने और बारिश के पानी को इकट्ठा करने के उद्देश्य से अब राजधानी को जल्द ही झीलों का शहर बनाने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि इसके चलते अब दिल्ली जल बोर्ड (DJB) 56 झीलों को पुनर्जीवित करने के प्रॉजेक्ट पर पूरी तरह काम करती दिख रही है जिनमें से अभी तक करीब 35 झीलों को पुनर्जीवित कर दिया गया है और अब DJB के समर एक्शन प्लान 2023 के चलते, इन झीलों में से 12 झीलों को पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है।
ट्रीटमेंट प्लांटों में बन रही आर्टिफीसियल झीलें
DJB द्वारका वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, रोहिणी वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, तिमारपुर ऑक्सिडेशन तालाब, निलोठी वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और पप्पन कलां वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में आर्टिफीसियल झील बन रही रही है। साथ ही निलौठी, द्वारका, रोहिणी और पप्पन कलां झीलों को ट्रीटेड पानी से पुनर्जीवित किया गया है और साथ ही इनमें 41 MGD ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
हालाँकि, इसके अलावा 380 वॉटर बॉडी को भी बनाया जा रहा है और इन्ही झील को विकसित करने पर करीब 93 करोड़ कि लागत होने का अनुमान जताया जा रहा है। साथ ही दिल्ली में पीने के पानी की किल्लत बहुत देखी जाती है और इसी वजह से पानी के मामले में हमे दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है।
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