अक्सर दिल्ली कि सड़को पर देखा जाता है कि दिल्लीवासियों को लावारिस जानवरों की समस्या बहुत होती है और इसकी वजह से बहुत बार लोग हादसे का भी शिकार हो जाते है। लेकिन अब इससे निजात दिलाने के लिए MCD की ”AAP” सरकार बेहद गंभीर हो गयी है।
बता दें कि दिल्ली कि मेयर डॉ. शैली ओबरॉय के इसको नेतृत्व में लिया है जहां लावारिस जानवरों की समस्या के स्थाई समाधान की दिशा में काम किया जा रहा है और अब इसके लिए गौशालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ दिन पहले सिविक सेंटर में उच्च स्तरीय बैठक हुई थी और उसमे मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने इस संबंध में बताया कि गौशालाओं को लाभ के केंद्रों में बदलने से लावारिस जानवरों की समस्या का समाधान होगा और रोजगार के नए अवसर भी साथ में पैदा होते दिखेंगे।
ऐसे में शैली ओबरॉय द्वारा नेता सदन मुकेश गोयल, MCD आयुक्त ज्ञानेश भारती और अतिरिक्त आयुक्त साक्षी मित्तल सहित और भी बहुत अधिकारियों के साथ सिविक सेंटर में महत्वपूर्ण बैठक कि थी और उस इस बैठक में ग्लोबल कंफीडरेशन ऑफ काउ बेस्ड इंडस्ट्रीज (GCCI) के प्रतिनिधियों द्वारा भी हिस्सा लिया था।
ऐसे में बैठक का उद्देश्य यही है कि लावारिस जानवरों को जल्द से जल्द गौशालाओं का लाभ दिया जाए और उसके लिए उनके केंद्रों में बदलने के लिए योजना तैयार करना है और साथ ही इसमें गाय के गोबर से विभिन्न बिक्री योग्य उत्पाद तैयार करने पर चर्चा हुई थी। ये इलसिए था कि क्योकि गाय के गोबर से बिजली, CNG, कागज आदि और भी चीज़े तैयार करने वाले कार्यों की समीक्षा की गई है।
इसी के साथ मेयर ओबरॉय ने बताया कि दिल्ली में घूम रहे लावारिस जानवरों के खतरे का उच्च समाधान खोजने की जरूरत है और साथ ही गाय के गोबर और मूत्र हमारे बहुत काम आ सकते है जैसे कि कई उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं और इसमें CNG से लेकर अन्य उत्पाद शामिल हैं और इससे गौशालाएं आर्थिक तौर पर निर्भर बन सकेंगी।
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