
देश में चल रहे ख़ास सावन पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास होता है. सावन का यह पवित्र माह चल रहा है, जैसे की आप जानते है सभी कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेने जा रहे है. चल रहे दंगा प्रभावित क्षेत्र में इस शुक्रवार का जुमा बड़ा ऐतिहासिक बन गया, जिस जाफराबाद रोड से फरवरी 2020 में दंगे शुरू हुए थे, इस बार उसी रोड पर बनी बाग वाली मस्जिद के बाहर जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने कांवड़ियों पर फूल बरसाए गए.
काविड़यों पर बरसाए गए गुलाब गए फूल:
कावड़ियों पर बरसाए गए गुलाब के फूल बरसा कर कहा गया की इससे देश का भाईचारा बढ़ेगा. मुस्लिम समुदाय से इस प्रकार से स्वागत देखकर कांवड़िये भी काफी उत्साहित नजर देखे. सामाजिक कार्यकर्ता नदीम अहमद ने कहा कि अपने देश में पिछले कही सालों से हिंदू और मुस्लिम साथ रहते आए हैं.
चंद राजनीतिक लोगों ने अपने जेहन के लिए दिनों समुदाय के बीच एहम और नफरत के बीज बोने का प्रयास किया. कुछ हद तक में उनके नतीजे सफल भी हुए, परन्तु प्यार और इज़्ज़त एक ऐसी चीज है जिसे कोई कम नहीं कर सकता.
आपको बता दें, शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बाग वाली मस्जिद के आगे नमाज़ियों ने कांवड़ियों पर गुलाब के फूल बरसते नज़र आए. उन्होंने सबको एक प्यारा सा सन्देश दिया कि हिंदू मुस्लिम एकता को कोई भी नहीं तोड़ सकता. पैगम्बर मोहम्मद ने बोला कि इस देश में सबसे बड़ी दौलत प्यार है और नफरत करने वाला कभी भी सफल नहीं हो सकता .
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