ई-मेल भेजकर ठगी करने वाले अतंरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश, नाइजीरियन गिरफ्तार
साइबर थाना पुलिस ने ई-मेल भेजकर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया। एमरजेंसी का मेल भेजकर देते थे ठगी की वारदात को अंजाम।

दिल्ली दक्षिण जिले की साइबर थाना पुलिस ने ठगी करने वाले अतंरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर ऐक नाइजीरियन व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
साथ में एक भारतीय महिला को बाउन-डाउन किया गया है। आरोपी परिचित के नाम पर मेल भेजकर पैसे की बहुत जरूरत है यह कहकर ठगी करते थे।
गिरोह के सदस्य जनवरी से लेकर अब तक करीब 50 से ज्यादा भारतीय लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पुलिस एक नाइजीरियन व्यक्तिकी तलाश कर रही है।
दक्षिण पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मालवीय नगर निवासी राजीव शर्मा ने साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार वर्मा को यह शिकायत दी थी कि उसे एक दोस्त की ई-मेल आईडी से मेल आया था। मेल में दोस्त ने पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत है बताया।
उसने मेल में दिए गए बैंक खाते में 28500 रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में पीड़ित ने दोस्त को फोन किया तो उसने किसी तरह का मेल भेजकर पैसे मांगने की बात से इंकार कर दिया।
पीड़ित राजीव शर्मा की शिकायत पर मामला दर्जकर थाना प्रभारी अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में एसआई सुनील यादव, एसआई विकास सांगवान और हवलदार राजेश की टीम ने जांच शुरू की।
पुलिस ने उस बैंक खाते की डिटेल खंगाली, जिसमें पीड़ित राजीव शर्मा से पैसा ट्रांसफर करवाया गया था। पता लगा कि बैंक खाता बेरसराय निवासी महिला प्रतिमा का है। पुलिस ने प्रतिमा को बाउन-डाउन कर दिया।
महिला ने पूछताछ के दौरान बताया कि उससे उसका बैंक खाता लंदन के रहने वाले एक डॉक्टर ने कुछ दिनों के लिए उधार मांगा था। डॉक्टर ने कहा था कि वह लंदन से भारत आया हुआ है और उसे कुछ पैसे बैंक खाते में ट्रांसफर करने हैं, लेकिन उसका बैंक खाता भारत में काम नहीं कर रहा है।
एसआई सुनील यादव की टीम ने मोबाइल सर्विलांस के आधार पर आरोपी नाइजीरियन गोडविन यूडोरजी ओनुराह को 22 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी के कब्जे से दो लैपटॉप, सात मोबाइल फोन, पांच सिमकार्ड, चार स्टोरेज डिवाइस व 94 हजार रुपये बरामद किए गए है।
आरोपी गोडविन ही लंदन का डॉक्टर बना था और आरोपी नाइजीरियन ने ठगी की रकम को मंगवाने के लिए प्रतिमा से उसका बैंक खाता और एटीएम उधार लिया था। आरोपी गोडविन यूडोरजी ओनुराह ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह काफी समय से भारत में रह रहा है।
आरोपी अपने साथी के साथ मिलकर ठगी करता था। आरोपी फर्जी आईडी से फेसबुक प्रोफाइल बनाते थे और फिर इसके बाद लोगों को फ्रेंड रिक्येस्ट भेजते थे। जब कोई इनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेता था तो आरोपी उसके फेसबुक प्रोफाइल में जाकर फ्रेंड लिस्ट देख लेते थे और इसके बाद आरोपी उसके मेल आईडी को हैककर उसके मेल से उसके ही दोस्तों को मेल भेजते थे और कहते थे कि एमरजेंसी में पैसे की जरूरत है।
ये मेल भेजकर उनसे पैसे मांगते थे। आरोपी जालसाज मेल में बैंक खाता अपना देते थे। कई बार दोस्त पैसे ट्रांसफर कर देते थे। इसके बाद आरोपी पैसा निकाल लेते थे।
आरोपी ज्यादातर भारतीय महिलाओं को बहला-फुसलाकर या फिर गिफ्ट का लालच देकर उनका बैंक खाता और एटीएम कार्ड कुछ समय के लिए ले लेते थे। आरोपियों ने इस समय प्रतिमा का नंबर लिया हुआ था।
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