अश्लील वीडियो के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के जज- स्टेनोग्राफर निलंबित

इस मामले में एक वीडियो सामने आने पर हाईकोर्ट ने स्वंय संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की और इतना ही नहीं अदालत ने जांच कमेटी का भी गठन किया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और उनकी महिला स्टेनोग्राफर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस मामले में एक वीडियो सामने आने पर हाईकोर्ट ने स्वंय संज्ञान लेते हुए इस मामले में कार्रवाई की। इतना ही नहीं कोर्ट ने जांच कमेटी का भी गठन किया है।

इसके साथ ही कोर्ट ने कथित वीडियो के प्रसार पर रोक भी लगा दी जिसमें कोर्ट का एक कर्मचारी कथित रूप से एक महिला का यौन उत्पीड़न करता दिख रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने इस मामले में उक्त आदेश पारित किया और इसके साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश को संबंधित महिला अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं।

इस पूरे मामले की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है। यह अश्लील वीडियो मार्च महीने का बताया जा रहा है। इस वायरल वीडियो में जज अपनी स्टेनो के साथ अपने कक्ष में आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे हैं। जानकारी के अनुसार वायरल हो रहा आपत्तिजनक वीडियो जज के चैम्बर का ही बताया जा रहा है। जज के चैम्बर में वीडियों कैसे बना इसकी भी जांच होगी।

जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है महिला स्टेनोग्राफर और जज के बीच काफी वक्त से इस प्रकार की हरकतों को लेकर अदालत में काफी चर्चा थी। बताया जाता है कि यह वीडियों बनाने के पीछे स्टाफ का हाथ है। इस वीडियो के वायरल होने के तुरंत बाद ही वकीलों ने जांच की मांग की थी। जानकारी के मुताबिक इस वीडियों को किसी ने मुख्य न्यायाधीश के सुपुर्द किया और उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए स्वयं संज्ञान लेते हुए यह पूरी कार्रवाई की है।

वीडियो पर लगाई रोक

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार के दिन उस कथित वीडियो के प्रसार पर रोक लगा दी, जिसमें कोर्ट का एक कर्मचारी कथित तौर पर एक महिला का यौन उत्पीड़न करता दिख रहा है। यह आदेश उस महिला की याचिका पर पारित किया गया, जिसने ‘फर्जी व मनगढ़ंत वीडियो’ के प्रसार के लिए निषेधाज्ञा व हर्जाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। एडवोकेट आशीष दीक्षित के माध्यम से दायर याचिका में, यह कहा गया था कि वीडियो नकली और साथ ही मनगढ़ंत है और इसका इस्तेमाल कर्मचारी की प्रतिष्ठा व अखंडता को खराब करने के लिए किया जा रहा है।


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