दिल्ली में साफ़ सफाई एक बड़ा मुद्दा है जिसको लेकर MCD चुनाव भी लड़ा जा रहा है। ऐसे में एक और ड्रेन को साफ़ होने की बात की जा रही है जहां जनवरी तक नजफगढ़ ड्रेन की मरम्मत कि जायेगी। इसके तहत नजफगढ़ ड्रेन में प्रवाहित होने वाले PWD, DDAऔर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के नालों को तिमारपुर से बसई दारापुर के बीच 12 Km क्षेत्र को नए तरीके से पानी निकालने का फाटक के तौर पर विकसित किया जाना है। ऐसे में LG की देखरेख में यात्री और मालवाहकों (नावों और क्राफ्ट) का जलमार्ग पर परिचालन भी किया जाएगा। जिसके लिए 32 नाले 15 जनवरी तक बहने से रोक दिए जाएंगे और इनमे अभी नगर निगम के पांच नालों के सीवेज पहले ही रोक दिए गए हैं।
बता दें कि यमुना में बहने वाले 32 नालों के अनुपचारित सीवेज युक्त प्रवाह को नजदीकी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) में भेजने के लिए रोका जायेगा और उपचार के बाद पानी का गार्डनिंग में इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में 32 फीडर ड्रेन दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी सहित दूसरी एजेंसियों से भी संबंधित हैं। वही तिमारपुर से मॉल रोड के बीच 2 किमी के हिस्से को इसके लिए साफ कर दिया गया है और दूसरी तरफ 5.5 किमी के शेष हिस्से की सफाई (माल रोड ब्रिज से भारत नगर) तक का काम भी 15 जनवरी तक पूरा होने वाला है। इन सबके होने के बाद शेष 18 नालों के अवरोधन का काम किया जाएगा।
25 फीसदी प्रदूषक रोका जाएंगे
माना ये भी जा रहा है कि 32 नालों के रुकने से नजफगढ़ ड्रेन में सीवेज के प्रवेश को करीब 25 फीसदी तक रोका जा सकेगा। इससे एक स्वच्छ जल निकाय के रूप में विकसित करने की दिशा में यह बहुत महत्वपूर्ण कदम देखा जायेगा।
हालाँकि, अभी नजफगढ़ ड्रेन से गाद निकालने का काम तेजी से चल रहा है जिसके चलते अब तक 20,000 मीट्रिक टन गाद को हटाया गया है। LG के निर्देश के बाद डी-सिल्टिंगा की निगरानी के लिए तिमारपुर पुल के नजदीक निगरानी केंद्र स्थापित किया गया है जहां भारत नगर में दूसरे केंद्र का भी 15 दिसंबर तक संचालन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।