दिल्ली में सर्दियों का मौसम आने वाला है और उसी के चलते प्रदूषण दर भी एकदम से ज्यादा बढ़ जाता है और तभी वाहनों का PUC भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। ऐसे में अगर आप बगैर वैध प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र (PUC) के वाहन चलाने वाले है तो सावधान हो जाएं क्योकि अब दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ मंगलवार से ही अभियान शुरू कर दिया है और यह टीम ना सिर्फ प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों बल्कि 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई करने वाली है।
बता दें कि दिल्ली में अब भी 10% से अधिक वाहन हैं, जिनके पास वैध PUC नहीं है। ऐसे में परिवहन विभाग अधिकारियों के चलते, दिल्ली की अलग-अलग सड़कों खासतौर से उन ही मार्गों पर टीमों की तैनाती की गई है जहां पर प्रदूषण भी ज्यादा देखने को मिलता है। वही प्रदूषण के लिहाज से देखा जाए तो हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं जिनके लिए परिवहन विभाग की 80 से अधिक टीमें उतारी गई हैं।
साथ ही यह टीम सड़कों पर भी वैध प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं रखने वालों का चालान तो करेगी, साथ ही उन वाहनों पर सीढ़ी कार्रवाई भी होगी जिनके पास वैध PUC तो होगा, लेकिन उनके वाहनों से साफ धुंआ निकलता दीखता है। परिवहन विभाग के आंकड़े को देखे तो 10% से अधिक वाहन हैं, जो समय पर PUC की जांच नहीं कराते है।
हालाँकि, परिवहन विभाग पायलट योजना के चलते अब दिल्ली के चार पेट्रोल पंपों पर भी कैमरे लगाकर ऐसे वाहनों की पहचान कर रहा है जो प्रदूषण जांच कभी नहीं कराते हैं। इसी के चलते यमुना विहार में एक, मॉडल टाउन में दो और गुलाबी बाग में एक जगह पर पेट्रोल पंप पर भी अब कैमरे लगाए गए हैं। वही 21 सितंबर से यह कैमरे काम कर रहे हैं और बीते दस दिन में 3000 वाहनों की जांच की गई है, जिसमें से अभी के लिए 300 से अधिक वाहनों का वैध प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं मिला है और उन्हें चालान भी सीधा उनके घर भेजा जा रहा है।
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