दिल्ली की जनता को मिलेगी राहत, अलग-अलग इलाकों में लगेंगे 587 नए ट्यूबवेल
बवाना में 15 ट्यूबवेल लगाने का काम अंतिम चरण में है। बाकी जगहों पर कहीं जमीन को लेकर अड़चनें हैं तो कहीं पर निविदा की प्रक्रिया चल रही है।

गर्मी में पानी की किल्लत दूर करने के लिए, दिल्ली सरकार अलग-अलग इलाकों में 587 नए ट्यूबवेल लगाएगी। ट्यूबवेल के पानी को शुद्ध करने के लिए 11 अलग-अलग जगहों पर जल शोधन संयंत्र भी लगाए जाएंगे। कई जगहों पर अभी अड़चनः नजफगढ़, बवाना, निलोठी, रोहिणी, ओखला, द्वारका के अलावा यमुना के किनारे भी ट्यूबवेल लगाने की तैयारी हो चुकी है। बारापुला क्लोवर लीव नोएडा मोड पर सात और अक्षरधाम पर आठ ट्यूबवेल लगाने का काम पूरा हो गया है।
वहीं, बवाना में 15 ट्यूबवेल लगाने का काम अंतिम चरण में है। बाकी जगहों पर कहीं जमीन को लेकर अड़चनें हैं तो कहीं पर निविदा की प्रक्रिया चल रही है। सरकार का कहना है जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। पानी की चोरी रोकने के लिए फ्लो मीटर लगेंगे: दिल्ली में जल बोर्ड के 26 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। इनमें 58 फीसदी नॉन रेवन्यू हैं। कईजगहों पर पानी लीकेज की दिक्कत है तो कई जगहों पर पानी की चोरी की जा रही है। इसके लिए सरकार सभी लाइनों पर फ्लो मीटर लगाएगी।
उच्च न्यायालय ने सेवा शुल्क को लेकर चेताया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि खाने के बिल पर सेवा शुल्क लगाने से रोकने वाले उसके पिछले आदेश पर स्थगन का अर्थ इस व्यवस्था को मंजूरी देना नहीं है। उच्च न्यायलय ने कहा कि रेस्तरां ग्राहकों को इस फैसले को ऐसे नहीं दिखा सकते हैं, जिससे लगे कि सेवा शुल्क को मंजूरी दी गई है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पीठ ने यह भी कहा कि सेवा शुल्क शब्द से ऐसा लगता है कि इसे सरकार का समर्थन है और उन्होंने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि किसी भ्रम से बचने के लिए शब्द को कर्मचारी प्रभार या कर्मचारी कल्याण निधि जैसे नाम से बदलने में क्या उन्हें कोई आपत्ति है। वह केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के चार जुलाई के आदेश को चुनौती देने वाली दो रेस्तरां निकायों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थीं।
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