
जिला परिवहन अधिकारी (District Transport Officer) जितेंद्र गहलावत ने बताया कि 10 वर्ष से पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा एनसीआर में चलाए जाने पर रोक लगाई गया थी।
इसके साथ ही उन वाहनों को एनसीआर से डी-रजिस्टर भी कर दिया गया है। आगे जानकारी देते हुए DTO ने कहा कि ऐसे वाहनों के मालिकों और इस ऐज लिमिट के नजदीक वाले वाहन मालिकों को सलाह दी जाती है कि वह ई-परिवहन पोर्टल पर इस प्रकार के वाहनों के ऑटो डी-रजिस्ट्रेशन से बचने के लिए खुद ही अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन को बेचकर अथवा ट्रांसफर कर एनसीआर से बाहर शिफ्ट करवा लें।
साथ ही जैसे ही डी-रजिस्ट्रेशन होगा वाहन मालिक अपने इन वाहनों को बेचने के योग्य नहीं रहेंगे और उनके वाहन स्क्रैप हो जाएंगे।ऐसे में पुराने ओवरएज वाहनों के मालिकों को 3 दिसंबर 2021 से 3 मार्च 2022 तक 3 महीने का समय दिया जाता है।
साथ ही किसी भी स्थिति में इस प्रकार के पुराने वाहनों को एनसीआर में चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और अगर इन्हें चलाते हुए पाया जाता है तो इन्हें चेकिंग टीमों द्वारा सीधे जप्त कर दिया जाएगा।
इस ऑर्डर को नही मानने वाले वाहन चालकों के ऊपर नई स्क्रैप पॉलिसी के अनुसार वाहनों को कबाड़ घोषित कर सड़कों से हटा कर कबाड़ खाने में डिस्मेंटल कर दिया जाएगा और इसके बदले में सिर्फ 35000 से 45000 वाहन मालिकों को दिए जाएंगे।
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