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जहरीली गैस को शुद्ध ऑक्सीजन में बदलेगी ये डिवाइस, जानें इसकी ख़ासियत

एक छोटी सी डिवाइस बड़ी से बड़ी जहरीली गैसों को निगल जाएगी और उनके बदले में शुद्ध ऑक्सीजन को भीउत्पन्न करेगी। और इस डिवाइस से जुड़ा यह एक.....

आप को बता दें एक छोटी सी डिवाइस बड़ी से बड़ी जहरीली गैसों को निगल जाएगी और उनके बदले में शुद्ध ऑक्सीजन को भी
उत्पन्न करेगी। और इस डिवाइस से जुड़ा यह एक बायोमास सिलिंडर प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया से होकर कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड, वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों, नाइट्रोजन ऑक्साइड और धूल कणों को ये अपनी खुराक के तौर पर उन्हें पूरी तरह से सोख लेगा और साथ ही बदले में कमरे के अंदर एक प्रचुर मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन को छोड़ेगा। आप को बता दें केंद्र और तमिलनाडु सरकार की मदद से इसको अब दो भारतीय वैज्ञानिकों उमा महेश वी और राजलक्ष्मी ने इसको अच्छे से तैयार किया है।

साथ ही अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण एक्सपो में प्रदर्शित इस डिवाइस को बनाने वालों ने ये भी दावा किया है कि बाजार में मौजूद सभी दूसरे एयर प्यूरीफायर से यह डिवाइस काफी सस्ती है। और इसमें कई सारे फीचर को भी जोड़े गए हैं। अब जल्द ही इसे आम लोग भी बाजार से इसको खरीद पाएंगे। साथ ही एक्सपो में यह डिवाइस लोगों को काफी खूब पसंद आ रही है और और कई लोगों ने इसे प्री-बुक भी किया है। बता दें निर्माताओं ने इस डिवाइस का नाम गार्डन एयर प्यूरीफायर भी रखा है।

बात करे इसकी कीमत की तो यह आप को 10 हजार रुपये तक रखी है। और पहली बार इसको खरीदने पर इसके साथ आप को 4 बायोमास सिलिंडर भी मिलेंगे। फिर दो-तीन महीने बाद इन सिलिंडर को बदलने भी होंगे। और इसमें मौजूद इस बायोमास का घोल आप पेड पौधों और क्यारियों में भी डाल सकते है, जो की पौधों के लिए यह खाद का भी काम करेगा।

बात करे इस इंडोर एयर प्यूरीफायर बायोमास की तो इसका खर्चा सालाना करीब दो हजार रुपये तक ही पड़ेगा। और प्रत्येक दिन 2 से 3 रुपये में ऑक्सीजन आप को मिल सकेगी। साथ ही इस डिवाइस में एक ब्लूटूथ इनबिल्ड भी है।

बता दें डॉ अरविंद नेे भी ये बताया है कि इससे बनने वाली ये गैस एलपीजी या फिर बायो गैस से भी बहुत हल्की होगी। साथ ही ये गैस मीथेन और हाइड्रोजन का कंपोजीशन भी होगी। और इसका कैलोरीफिकेशन पेट्रोल के बराबर लगभग 8000 ही होगा। साथ ही इसे पाइप लाइन के माध्यम से भी घरों में सप्लाई कर सकते है।

इसका पहला पायलट प्रोजेक्ट गांधीनगर में अभी शुरू किया गया है। और ये LPG, CNG से 20 फीसदी तक सस्ती भी होगी और गांव के आस पास ही इसके सभी प्लांट भी लगाए जाएंगे, ताकि सभी ग्रामीणों से उनका खेती वाला सारा कचरा उनसे आसानी से लिया भी जा सके और साथ ही इसके बदले में उन्हें उसकी एक उचित कीमत भी दी जाएगी।

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