इस बार रावण, कुंभकरण, मेघनाद के साथ सनातन विरोधियों का भी होगा पुतला दहन
बीजेपी की दिल्ली इकाई के नेताओं द्वारा अब समितियों से सनातन धर्म के विरूद्ध बयान देने वाले नेताओं का पुतला दहन करने का भी आग्रह किया गया था

अक्सर हर साल देखा जाता है की लोग दशहरे पर रावण जलाते है। लेकिन इसी बीच एक खबर सामने आयी है जहां सनातन धर्म पर सियासत के बीच रामलीला समितियों की भी एंट्री हो गई है जिसमे दिल्ली में कुछ रामलीला समितियों द्वारा निर्णय लिया है कि सनातन धर्म की आलोचना करने वाले सभी का दशहरा के अवसर पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के साथ ही अब उनके पुतला दहन किया जाएगा।
बता दें की बीजेपी की दिल्ली इकाई के नेताओं द्वारा अब समितियों से सनातन धर्म के विरूद्ध बयान देने वाले नेताओं का पुतला दहन करने का भी आग्रह किया गया था, जिसके बाद यह निर्णय भी लिया गया है। साथ ही समितियों के पदाधिकारियों द्वारा कहा गया है कि इसमें कोई राजनीति नहीं की जा रही क्योंकि उन्होंने अतीत में महंगाई, भ्रष्टाचार और मादक पदार्थ की ही लत को चित्रित कर पुतले की तरह जलाए हैं।
ऐसे में श्री धार्मिक लीला समिति के प्रबंधक रवि जैन द्वारा बताया गया की, ‘दशहरा के दौरान सामाजिक कुरितियों के पुतले फूंकने की हमारी परंपरा रही है। वही रामलीला, सनातन धर्म का हिस्सा ही है और इस साल इसका विरोध करने वाले लोगों का भी पुतला फूंका जाने वाला है।’ आदर्श रामलीला समिति के सलाहकार सतीश गर्ग द्वारा बताया गया कि सनातन धर्म को नीचा दिखाने वाले और इसे गलत तरीके से भी लोगो को पेश करने वालों का पुतला जलाना किसी एक व्यक्ति को निशाना बनाने का प्रयास बिल्कुल भी नहीं माना है।
हालाँकि, भाजपा की दिल्ली इकाई के ही मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर द्वारा इस बारे में कहा गया कि प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के निर्देश के बाद से ही रामलीला समितियों से यह अपील की गई थी की दिल्ली धार्मिक महासंघ के महासचिव अशोक गोयल देवराहा ने कहा कि रामलीला, सनातन धर्म का ही एक बहुत बड़ा प्रतीक है, और जो लोग इसकी तुलना डेंगू जैसी बीमारियों से ही करते हैं उनका विरोध करने की जरूरत भी है।
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