दिल्ली

प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को करना होगा मास्क अपग्रेड

पिछले कुछ समय से दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण से प्रभावित है, जिससे धुंध की चादर बिछ गई है. मास्क, जो पहले से ही कोरोना वायरस के बचाव के लिए इस्तिमाल हो रहा था,

पिछले कुछ समय से दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण से प्रभावित है, जिससे धुंध की चादर बिछ गई है. मास्क, जो पहले से ही कोरोना वायरस के बचाव के लिए इस्तेमाल हो रहा था, अब हानिकारक प्रदूषण से बचाने के लिए भी जरुरी हैं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमे नियमित मास्क को बदलने की जरुरत है. अपोलो अस्पताल के उच्च पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ राजेश चावला ने कहा कि राजधानी के कुछ ख़ास हिस्सों में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) “खतरनाक स्तर” तक पहुंच गया है, इसलिए मास्क को तेजी से बदलने की जरूरत है.

“वायु में दो प्रमुख भाग पीएम 10 और पीएम 2.5 हैं. दिल्ली के अधिकतर भागों में पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक लेवल तक जा चुका है.

डॉक्टर्स के अनुसार, “”पीएम 2.5 ना ही केवल आंख और गले में जलन जैसी बीमारी, बल्कि फेफड़ों की पुरानी बीमारी और स्ट्रोक जैसी अहम स्थिति का कारण बनता है. ” इसके साथ ही , चरम स्थितियों में मरने की संभावना भी बढ़ जाती है.

डॉक्टर का कहना है कि, थ्री-प्लाई मास्क पीएम 3 से ऊपर के कणों से बचा सकता है. यह आपको पीएम 2.5 से लगभग 60 प्रतिशत तक बचाता है.” अगर आप 2.5 से ही पूरी सुरक्षा चाहते है तो, एन 95 मास्क सबसे बेहतर ऑप्शन है.

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