
डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन (DoE) ने इस साल फिर से 9वीं और 11वीं के छात्रों को उसी पैटर्न पर प्रमोट करने का फैसला लिया है जो कि पिछले साल भी फॉलो किया गया था।
आपकों बता दे कि देश में कोरोना के कारण लंबे समय स्कूल बंद थे। इसी को लेकर एनुअल परीक्षा और इंटरनल असाइनमेंट के अंकों को एक साथ रख कर छात्रों को मिड टर्म के अंकों के आधार पर जांचा जाएगा।
ये नियम दिल्ली के सभी स्कूलों में लागू किया गया है। बता दें कि सर्कुलर में कहा गया है कि हायर क्लास में जानें के लिए छात्रों के लिए 33 फीसदी न्यूनतम अंक प्राप्त करने आवश्यक होंगे और इसके लिए 15 अतिरिक्त ग्रेस अंक छात्र को दिए जाएंगे।
अगर कई छात्र लैंग्वेज 1और 2 में न्यूनतम 33 फीसदी अंक नहीं प्राप्त कर पाया तो हायर क्लास में जानें के लिए लैंग्वेज 3 के अंको को गिना जाएगा।
लेकिन इसके बावजूद भी अगर कोई छात्र एक या एक से अधिक विषय में न्यूनतम 33 फीसदी अंक नहीं प्राप्त कर पाता है तो उसको कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठना होगा जो एनुअल परीक्षा रिजल्ट की घोषणा के एक महीने बाद आयोजित की जाएगी।
हालांकि छात्र इस बात का ख्याल जरूर रखें कि कंपार्टमेंट परीक्षा में ग्रेस अंक नहीं दिए जाएंगे। आपको बता दें कि लेट एडमिशन या स्पोर्ट्स में भागीदारी या अन्य हेल्थ कारणों से परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को भी कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठने और परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा।
सर्कुलर में बताया गई कि कोरोना की स्थिति के प्रभाव के कारण पूरे 2020-21 के एकेडमिक सेशन में छात्रों के बीच तनाव और चिंता को देखते हुए सभी स्कूलों को इन गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया जाता है।
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