
दिल्ली के सरकारी स्कूल को अन्य स्कूल के साथ मर्ज करने के फैसले के बाद स्कूली बच्चों द्वारा प्रदर्शन शुरू कर दिया गया था।राजकीय सर्वोदय वरिष्ठ माध्यमिक सह शिक्षा विद्यालय, नेताजी नगर के बच्चों के अनुसार उनके स्कूल में, 2 करोड़ की लागत से नई बिल्डिंग बना कर तैयार की गई है।
साथ ही तैयार की गई उस बिल्डिंग में कई सारे कमरे खाली हैं, इसके बाद भी बच्चों को दूसरे स्कूल में सरकार क्यों मर्ज कर रही है।जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के इस स्कूल में लगभग 300 बच्चे पढ़ते हैं। वहीं स्कूल में 2 बिल्डिंग हैं जिसमें एक पुरानी और एक नई है।
पुरानी बिल्डिंग काफी जर्जर हालत में है। स्कूली बच्चों का कहना है कि इस बिल्डिंग को बनाने के चलते उनको दूसरे स्कूल में मर्ज किया जा रहा है।
साथ ही बच्चों को ये डर सता रहा है कि शिफ्ट किए जाने से उनकी पढ़ाई का हर्जाना होगा। 2 साल कोरोना के चलते वैसे ही उनकी पढ़ाई खराब हो गई और अब दूसरे स्कूल में शिफ्ट होने से उनकी पढ़ाई का और ज्यादा नुकसान होगा।
प्रदर्शन में पहुंचे अभिभावकों ने भी कहा कि जब नई बिल्डिंग तैयार है तो क्यों बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है। साथ ही बच्चों का कहना है कि पिछले दिनों एजुकेशन डिपार्टमेंट ने स्कूल का विजिट किया था, उसी दोरान इस बिल्डिंग को जर्जर हालत में देख बिल्डिंग को नए सिरे से बनाने के लिए प्रपोजल दिया गया।
स्कूल में कुछ समय पहले ही 2 करोड़ की लागत से एक नई बिल्डिंग तैयार की गई थी। तैयार की गई बिल्डिंग में अभी 20 कमरे खाली हैं जबकि बच्चों को जिस दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है वहां पर14 कमरे हैं।
अब ऐसे में जब मौजूदा स्कूल में 20 कमरे खाली हैं तो स्कूली बच्चे दूसरे स्कूल में क्यों जाएं। आपकों बता दे कि इस मामले पर स्कूल के वाइस प्रिंसिपल का कहना है कि अभी ऐसा कोई प्रावधान है ही नहीं। परिजन चाहते हैं कि स्कूल में जो टीचर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, वो ही टीचर उनको पढ़ाते रहें।
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