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क्या हैं ग्रीन टैक्स, जान लीजिए कहीं आपको भी तो नहीं देना पड़ेगा ये टैक्स

भारत में हवा तेज़ी से प्रदूषित होती जा रही है। ऐसे में पुराने वाहन जो प्रदूषण बढ़ाते है उनपर ग्रीन टैक्स लगता है।

ग्रीन टैक्स या कहे पोल्लुशण टैक्स पुराने वाहनों पर लगता है। भारत में हवा तेज़ी से प्रदूषित होती जा रही है। ऐसे में पुराने वाहन जो प्रदूषण बढ़ाते है उनपर ग्रीन टैक्स लगता है। केंद्र सरकार ने 8 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों पर और 15 साल पुराने निजी वाहनों पर ग्रीन टैक्स लागू किया था।

ग्रीन टैक्स क्या है?

सरकार का मानना है कि पुराने वाहनों के कारण ज्यादा प्रदूषण बढ़ता है। वही वाहन से हो रहे प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सरकार को पैसे खर्च करने पड़ते है। इसी कारण सरकार अब उस खर्च की कुछ रकम पुराने वाहन चालक से लेगी। इसी टैक्स को ग्रीन टैक्स का नाम दिया गया है। इस ग्रीन टैक्स का उपयोग सरकार प्रदूषण स्तर को कम करने में लगाएगी।

भारत में ग्रीन टैक्स कैसे लागू होता है?

भारत में ट्रांसपोर्ट वाले वाहन पर ग्रीन टैक्स, रोड टैक्स 10 से 25 फीसदी तक लगेगा। वही सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों पर ग्रीन टैक्स, रोड टैक्स ज्यादा लगेगा। इन शहरों में 50 फीसदी तक टैक्स लगेगा।

वाहन श्रेणीग्रीन टैक्स लागू
दुपहिया वाहनोंRs 2000
डीजल वाहनRs 3500
पेट्रोल वाहनRs 3000
ऑटोरिक्शाRs 750
हल्के वाहनRs 2500
सिक्स सीटर टैक्सीRs 1250
7500 किलोग्राम से अधिक क्षमता वाले वाहन10% of annual tax
सेवा वाहन2.5% of annual tax
अनुबंध बसें2.5% of annual tax
पर्यटक बसें2.5% of annual tax

किस वाहन पर ग्रीन टैक्स नहीं लगेगा?

बता दें कि CNG, इलेक्ट्रॉनिक, LPG गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स नहीं लगेगा। वही खेती से जुड़े वाहन जैसे की ट्रैक्टर, ट्राली अदि पर भी ग्रीन टैक्स लागू नहीं किया जाएगा।

ग्रीन टैक्स भरने के क्या फायदे है?

  • लोग कम प्रदूषण करने वाले नए वाहनों का उपयोग करेंगे।
  • लोग इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का उपयोग करेंगे।
  • भारत सरकार का मानना है कि यह टैक्स पर्यावरण में हो रहे प्रदूषण स्तर को रोकने में मदद करेगा।

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