
वरिष्ठ अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में फिल्मों में अतिपुरुषत्व (Hypermasculinity) के प्रदर्शन के बारे में बात की और खुलासा किया कि वे RRR और Pushpa: The Rise जैसी फिल्में नहीं देख सकते। उन्होंने सवाल किया कि ऐसी फिल्मों का आनंद लेने से लोगों को क्या मिलता है ?
हालाँकि, उन्होंने मणिरत्नम की फिल्म Ponniyin Selvan (पोन्नियिन सेलवन) का भी जिक्र किया और कहा उन्हें यह बेहद पसंद है।
बता दें कि नसीरुद्दीन शाह से कबीर सिंह जैसी फिल्मों के संदर्भ में हाइपर मस्क्युलिनिटी के प्रति लोगों के आकर्षण के बारे में पूछा गया। जिसके जवाब में वरिष्ठ अभिनेता शाह ने बी ए मैन यार के एक एपिसोड में कहा कि मर्दों की असुरक्षा बढ़ रही है, इसलिए हाइपर मस्क्युलिनिटी पर और भी ज़्यादा ज़ोर दिया जा रहा है। अमेरिका में तो मार्वल की दुनिया चल रही है, सब सुपरहीरो हैं। उन्होंने कहा कि भारत में फिल्मों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है, हालांकि उन्होंने कहा कि भारत में ए वेडनसडे जैसी फिल्में भी दर्शकों को पसंद आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि ‘रामप्रसाद की तेरहवीं’ और ‘गुलमोहर’ जैसी अनुराग द्वारा बनाई गई छोटी फिल्मों की स्वीकार्यता को अपनी जगह मिलेगी। मैं काफी आश्वस्त हूं, क्योंकि मुझे युवा पीढ़ी पर बहुत भरोसा है।
शाह ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि लोगों को ऐसी फिल्में देखने से क्या मिलता है जो रोमांच के अलावा हाइपर मस्क्युलिनिटी को उजागर करती हैं। मैंने RRR और Pushpa देखने की कोशिश की, लेकिन मुझसे देखी नहीं गई। जबकि मैंने मणिरत्नम की फिल्म पूरी देखी क्योंकि वह काबिल फिल्म मेकर है, उनका कोई एजेंडा नहीं है।
इसी इंटरव्यू के एक अलग सेगमेंट में उन्होंने आरआरआर को पसंद करने वाली महिलाओं पर भी सवाल उठाया और कहा कि मुझे नहीं पता कि कितनी महिलाओं को आरआरआर पसंद है।
RRR, Pushpa और Ponniyin Selvan पिछले कुछ वर्षों में रिलीज़ हुई सबसे सफल अखिल भारतीय फिल्मों में से हैं। RRR राजामौली द्वारा निर्देशित है, जिसका गीत नातू नातू वैश्विक हिट रही और ऑस्कर में भारत का पहला सर्वश्रेष्ठ मूल गीत का पुरस्कार जीता। Pushpa में अल्लू अर्जुन हैं और यह व्यावसायिक रूप से हिट फिल्मों में से एक थी।
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