नवी मुंबई की खाड़ी में आने वाले राजहंस की शौकिया फोटोग्राफर हरिहरन विद्यासागर द्वारा खींची गई तस्वीर मुंबई को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला सकता हैं। यह तस्वीर मैंग्रोव एक्शन प्रोजेक्ट (एमएपी), यूएसए द्वारा आयोजित आगामी मैंग्रोव फोटोग्राफी अवार्ड्स 2023 में, शॉर्टलिस्ट की गई पांच तस्वीरों में से एक है।
इस तस्वीर में एक लंबी कतार में बैठे राजहंस को देखकर लगता है, जैसे कि वह समंदर के पानी पर आग की लंबी रेखा हो। फोटोग्राफर हरिहरन विद्यासागर ने इस तस्वीर के बारे में बताया कि मैंने यह तस्वीर मार्च में नाव की सवारी के दौरान खींची थी। तस्वीर दिन में ली गई है, लेकिन धुंधले मौसम के कारण ऐसा लग रहा है मानो शाम हो गई हो। मैंने तस्वीर खींची क्योंकि जिस तरह से पक्षी दूर से तैर रहे थे वह धधकती आग की एक पतली रेखा की तरह लग रहा था। इसके अंतिम नतीजे सोमवार को घोषित किए जायेंगे।
विद्यासागर पेशे से बैंकर है। इससे पहले भी 2020 में एक प्रतियोगिता में उनके द्वारा खींची गई तस्वीर को उपविजेता के रूप में चुना जा चूका हैं। उन्होंने कहा कि लोकडाउन के दौरान प्रवासी पक्षियों को कैमरा में कैद करने का मेरा जुनून शुरू हुआ और तब से मैंने फ्लेमिंगो के अलावा प्रवासी पक्षियों की 150 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी पैटर्न को व्यक्तिगत रूप से देखा है।
इस चयनित तस्वीर को उस विरोधाभास को दर्शाने वाला माना जाता है, जिसमें प्रकृति, पक्षी और शहर का जीवन पूर्ण सामंजस्य के साथ मौजूद रह सकते हैं। इसमें एक साथ तैरते हुए पक्षी हैं, घनी मैंग्रोव बेल्ट और शहर का परिदृश्य हैं। फोटोग्राफर विद्यासागर कहते है कि मैं जिस कल्पना को प्रतिबिंबित करना चाहता था, वह यह थी कि एक शहर को केवल कंक्रीट के जंगल के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि प्रकृति और उसके प्राणी सामंजस्यपूर्ण रूप से मौजूद रह सकते हैं।
इससे संबंधित अधिकारियों को आर्द्रभूमि बेल्ट के संरक्षण के लिए प्रेरणा मिल सकता है। क्योंकि राजहंस केवल उन क्षेत्रों का दौरा करते हैं, जहां उन्हें प्रचुर मात्रा में नीले और हरे शैवाल मिलते हैं। ये शैवाल समुद्र में उपचारित अपशिष्ट जल के छोड़े जाने से होता है। विद्यासागर कहते हैं कि इको सिस्टम के संतुलन को बनाए रखने में फ्लेमिंगो की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, इसलिए ठाणे क्रीक की तरह ही नवी मुंबई क्रीकसाइड को भी संरक्षित करने की जरूरत है, जिससे ‘फ्लेमिंगो सिटी’ नाम को उचित ठहराया जा सके।