
देश में लोगों द्वारा दर्द को कम या खत्म करने के लिए बहुत सी दवाई खायी जाती है जिससे उस बीमारी में असर दिखाना शुरू हो जाता है। लेकिन अगर हम आपको बताये की बहुत सी ऐसी भी दवाइयां है जिससे कैंसर के खतरे की आशंका बढ़ जाती है तो आपका उस पर क्या रिएक्शन होगा ? जानिए पूरी खबर
बता दें कि देश में सभी लोग ठीक होने के लिए दवाई खाते है लेकिन अब एक खबर सामने आ रही है जहां बहुत सी ऐसो दवाइयां है जिसके चलते शरीर में कैंसर होने कि मात्रा बढ़ जाती है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 26 दवाओं को आवश्यक मेडिसिन की सूची से हटा दिया है।
ये इसलिए किया गया है क्योकि इन दवाओं में एंटासिड सॉल्ट रैनिटिडिन हैं। जिसमें अल्टेप्लेस, एटेनोलोल, ब्लीचिंग पाउडर, कैप्रोमाइसिन और सेट्रिमाइड भी शामिल हैं। इन दवाओं को कई प्रकार की बीमारियों के लिए इस्तेमाल की जाती हैं और आसानी से मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हो जाती है और बहुत से लोग है जो सालों से इनका सेवन कर रहे हैं और डॉक्टर भी इन दवाओं को लिखते हैं।
लेकिन अब कैंसर के खतरे से सरकार इनका अस्तित्व खत्म कर रही है। मगर एक सवाल और उठता है कि जो लोग इसका सेवन पहले से कर रहे है क्या उनको कैंसर हो सकता है?
ऐसे में इसका जवाब देते हुए डॉ. कुमार ने बताया कि इन दवाओं से कैंसर का खतरा है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इनकाे लेने वाले हर मरीज को कैंसर हो जाएगा। अब लोगों को यह करना है कि इनका सेवन करना बिलकुल बंद कर देना है।
इन 26 दवाइयों को किया बंद
अल्टेप्लेस, एटेनोलोल, ब्लीचिंग पाउडर, कैप्रोमाइसिन, सेट्रिमाइड, क्लोरफेनिरामाइन, दिलोक्सैनाइड फ्यूरोएट, लैमिवुडिन (ए) + नेविरापीन (बी) + स्टावूडीन (सी), लेफ्लुनोमाइड, मेथिल्डोपा, निकोटिनामाइड, पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2ए, पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी, पेंटामिडाइन, प्रिलोकेन (ए) + लिग्नोकेन (बी), प्रोकार्बाज़िन, रैनिटिडीन, रिफाब्यूटिन, स्टावूडीन (ए) + लैमिवुडिन (बी), सुक्रालफेट, सफेद पेट्रोलेटम, डिमेरकाप्रोलो, एरिथ्रोमाइसिन, एथिनिल एस्ट्राडियोल, एथिनिल एस्ट्राडियोल (ए) नोरेथिस्टरोन (बी), गैनिक्लोविर, कनामाइसिन।
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